देश में महंगाई घट रही, लेकिन हरियाणा और बिहार में अभी भी सबसे ज्यादा
मुंबई- मई में खुदरा कीमतें पिछले महीने की तुलना में ज्यादातर जगहों (राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों) में कम बढ़ीं। देश में मूल्य वृद्धि की कुल दर 25 महीनों में सबसे कम 4.25 फीसदी थी। हालांकि, बिहार और हरियाणा में मई में कीमतों में कम से कम छह फीसदी की वृद्धि हुई। वहीं दूसरी तरफ, त्रिपुरा में महंगाई दर में कमी देखने को मिली मगर इसके बावजूद महंगाई दर 6 फीसदी के ऊपर बरकरार है।
बिहार में मई महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई दर में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। इस राज्य में जहां पिछले महीने महंगाई दर 5.33 फीसदी थी, वहीं मई महीने में यह बढ़कर 6 फीसदी पहुंच गई। इस तरह का आंकड़ा हरियाणा में भी देखने को मिला, पिछले महीने में यह 5.74 फीसदी से बढ़कर 6.04 फीसदी हो गई। अगर मासिक तौर पर तुलना करें तो यह देखने को मिलेगा कि जहां बिहार में महंगाई दर तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई वहीं, हरियाणा में भी दो महीने का उच्च स्तर देखने को मिला।
बिहार के शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों में महंगाई बढ़ी है। इस राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में पिछले महीने में महंगाई दर 5.30 फीसदी थी, जो मई महीने में बढ़कर 6.10 फीसदी पहुंच गई। बिहार के शहरी क्षेत्रों की बात करें तो मई महीने में यह 5.38 फीसदी से बढ़कर 5.64 फीसदी पहुंच गई। हालांकि, हरियाणा में यह आंकड़ा कुछ अलग तरह से देखने को मिला। यहां ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई का ग्राफ ऊपर जाता दिखा जबकि, शहरी क्षेत्रों में इसमें कमी देखी गई।
यहां तक कि, ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर मई महीने में 7.12 फीसदी पहुंच गई, जो पिछले महीने 6.38 फीसदी थी। इसके साथ ही यह लगातार 19वां महीना था, जब हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर 6 फीसदी के पार ही रही। पिछले साल यानी 2022 की इसी अवधि के दौरान इस राज्य की महंगाई दर 7.66 फीसदी थी और इस साल भी महंगाई दर में ज्यादा कमी देखने को नहीं मिल रही है। पिछले 19 महीनों का अगर आंकड़ा देखें तो अप्रैल 2022 में हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में यह दर 10.25 फीसदी तक पहुंच गई थी।
दूसरी ओर हरियाणा के शहरी इलाके आते हैं जहां महंगाई दर मई महीने में घटकर 4.69 फीसदी पहुंच गई जो इसके पिछले महीने में 4.90 फीसदी थी। केंद्र शासित प्रदेश त्रिपुरा में कीमत बढ़ने की दर अप्रैल में 8 फीसदी थी जो मई में कम होकर 6.52 फीसदी हो गई। राज्य में अब तक एक साल से महंगाई दर 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। मई महीने में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर घटकर 6.22 फीसदी हो गई है जो कि इसके पिछले महीने में 7.63 फीसदी थी। शहरी क्षेत्रों में इसी दौरान यह दर 9.03 फीसदी से घटकर 7.46 फीसदी हो गई।
उत्तराखंड के ग्रामीण और शहरी, दोनों हिस्सों में महंगाई की दर में गिरावट देखी गई, लेकिन इसके बाद भी यह छह फीसदी से अधिक रही, जबकि समग्र महंगाई दर मई में पिछले महीने के 5.98 फीसदी से घटकर 5.75 फीसदी हो गई, इस अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में यह 5.39 फीसदी से घटकर 5.12 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 7.05 फीसदी से घटकर 6.84 फीसदी हो गई।