आईफोन की देरी से लांचिंग के कारण एपल के मार्केट कैप में 450 अरब डॉलर की कमी
मुंबई– एपल के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 450 अरब डॉलर की कमी आई है। यह पहली अमेरिकन कंपनी थी जिसने इसी साल अगस्त में 2 लाख करोड़ डॉलर का मार्केट कैप हासिल किया था। तब से इसके मार्केट कैप (M-Cap) में 19 पर्सेंट या 450 अरब डॉलर की कमी आई है। अकेले शुक्रवार को ही इसके एम कैप में 5.6 पर्सेंट की गिरावट दर्ज की गई है। जिससे एक दिन में इसका मार्केट कैप 120 अरब डॉलर घट गया।
एपल का मार्केट कैप अब 1.85 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। हालांकि यह अभी भी अमेरिका की सबसे मूल्यवान कंपनी है। पर सितंबर से इसके मार्केट कैप में जितनी गिरावट आई है, वह वीजा इंक के कुल मार्केट कैप से भी ज्यादा है। एपल का वैल्यू थाइलैंड के स्टॉक एक्सचेंज से भी ज्यादा है। निवेशकों को कैलिफोर्निया में कंपनी के बेस्ट सेलिंग उत्पाद से कम बिक्री की उम्मीद है। एपल इस साल अभी भी बिक्री की उम्मीदों को जीवित रखी है क्योंकि इसने लॉकडाउन में भी कुछ और प्रोडक्ट और सर्विसेज लांच की।
बता दें कि आई फोन 12 की घोषणा करने में 13 अक्टूबर तक की देरी हो गई। एपल कंपनी का शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर एक समय 5 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया। इससे इसके मार्केट कैपिटलाइजेशन में 100 अरब डॉलर की कमी आई। बता दें कि साल 2013 के बाद से एपल हर साल सितंबर महीने में ही अपने आईफोन की सीरीज लॉन्च करती आई है। लेकिन महामारी के चलते इस बार एपल ऐसा नहीं कर सकी और उसकी नई सिरीज की लॉन्चिंग में एक महीने से ज्यादा की देरी हो गई। यही नहीं, अभी इन डिवाइसेज का शिपमेंट किया जाना बाकी है। मैक और एयरपॉड्स की बढ़ती बिक्री ने हालांकि रेवेन्यू और लाभ को बढ़ाया। लेकिन आईफोन की बिक्री 20.7 प्रतिशत गिरकर 26.4 बिलियन डॉलर हो गई।
एपल ने कहा कि विश्लेषकों का अनुमान चौथी तिमाही के लिए रेवेन्यू और फायदा ज्यादा ही रहा है। एक इंटरव्यू में एपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने कहा कि वह शिपिंग डेटा के पहले पांच दिनों के आधार पर आई फोन 12 के बारे में आशावादी हैं। 5G तो एक दशक में एक बार आने वाला अवसर है। कुक ने कहा कि हमने बाजार में उस समय एंट्री की है जब ऐसा करना बहुत जरूरी है। खासकर अमेरिका के बाजार में जहां पर सभी कंपनियां दिन-ब-दिन ज्यादा आक्रामक होती जा रही हैं।
आईफोन 12 रिलीज टाइमिंग ने चीन में एपल की बिक्री 28.5 प्रतिशत से घटाकर 7.95 अरब डॉलर कर दी। कुक ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नए 5G डिवाइसेज चीन में आईफोन की बिक्री तेज करने में मदद करेंगे। कुक ने बताया कि हम पहले पांच दिनों में यह देख रहे हैं कि चीन के मार्केट में हमारा प्रदर्शन काफी सुधर जाएगा।
एपल ने रेवेन्यू में बढ़त का कोई अनुमान तो नहीं दिया लेकिन मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) लुका मास्त्री ने कहा कि सेवाओं और गैर-आईफोन उत्पादों से रेवेन्यू पहली तिमाही में डबल डिजिट से बढ़ेगा, जो विश्लेषकों की उम्मीदों पर ही है। उन्होंने कहा कि आईफोन का रेवेन्यू बढ़ेगा, विश्लेषकों का मानना है कि पहली तिमाही में आईफोन का रेवेन्यू 6.45 पर्सेंट बढ़कर 59.56 अरब डॉलर हो जाएगा।
एक दूसरे विश्लेषक लोगान पर्क ने कहा कि हालांकि आईफोन की बिक्री तो बढ़ेगी ही पर कुल मिलाकर इसका प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं हो सकता है। क्योंकि 5G नेटवर्क अभी उतना नहीं स्वीकार किया जा रहा है। लोग पूरी तरह से अपग्रेड होने को तैयार नहीं हैं।
एपल ने हाल के वर्षों में अपने सर्विसेज सेगमेंट में स्थिर वृद्धि के साथ आइफोन की बिक्री को ऑफसेट किया है, जिसमें म्यूजिक स्ट्रीमिंग और टेलीविजन शामिल है। सेवा सेगमेंट का रेवेन्यू 16.3 प्रतिशत बढ़कर 14.5 अरब डॉलर हो गया। कुक ने बताया कि एपल की पेड सर्विसेज एपल वन शुक्रवार को लॉन्च होगी। कुक ने यह भी बताया कि एपल के पास फिलहाल इसके प्लेटफार्म पर पेमेंट देने वाले 585 ग्राहक हैं जो पिछली तिमाही में 550 मिलियन थे। अब यह ग्राहकों का आंकड़ा 600 मिलियन के पास इस साल के अंत तक हो जाने की उम्मीद है।
एपल के शेयर पिछले दो वर्षों में काफी बढ़े हैं क्योंकि इसके रेवेन्यू में काफी विविधता आई है। यह अब सिर्फ आईफोन पर ही निर्भर नहीं है। हालांकि इसी बात को लेकर गुरुवार को इसके शेयरों में गिरावट देखी गई जब कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि अब भी इसका ज्यादातर बिजनेस आईफोन पर ही टिका है। हार्ग्रीव्स लैंसडाउन में इक्विटी एनालिस्ट सोफी लुंड-येट्स ने कहा कि एपल को अपग्रेड में सक्षम होने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो शेयरों की कीमत गिर जाएगी क्योंकि मौजूदा वैल्यूएशन में गुंजाइश के लिए कोई असली जगह नहीं है।

