अरबपति मुकेश अंबानी को अब विदेशों में भी मिलेगी जेड प्लस सिक्योरिटी 

मुंबई- उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को भारत के साथ विदेशों भी Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी जाएगी। अब तक इस सुरक्षा का खर्चा केंद्रीय गृह मंत्रालय उठाता था, लेकिन अब अंबानी परिवार उठाएगा। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी पर प्रति व्यक्ति 40 से 45 लाख रुपए महीना खर्च होता है। 

CRPF के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सिक्योरिटी में 24 घंटे तैनात रहते हैं। ये कमांडो जर्मनी में बनी हेकलर एंड कोच MP5 सब मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। इस गन से एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं। बता दें कि Z+ सिक्योरिटी भारत में VVIP की सबसे हाई लेवल की सुरक्षा है, इसके तहत 6 सेंट्रल सिक्योरिटी लेवल होते हैं। पहले से ही अंबानी की सिक्योरिटी में राउंड द क्लॉक ट्रेंड 6 ड्राइवर होते हैं। 

CRPF के अलावा मुकेश अंबानी के पास करीब 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हैं, जो बिना हथियारों के यानी निहत्थे होते हैं। उनके पर्सनल गार्ड्स को इजराइल स्थित सिक्योरिटी-फर्म ने ट्रेनिंग दी है। अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात ये प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स भी क्राव मगा (इजराइली मार्शल आर्ट) में ट्रेंड हैं। ये गार्ड्स दो शिफ्ट में काम करते हैं, जिनमें भारतीय सेना के रिटायर्ड और NSG के जवान भी शामिल हैं। 

मुकेश अंबानी को साल 2013 में हिजबुल मुजाहिद्दीन से धमकी मिलने के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने Z+ सिक्योरिटी मुहैया कराई थी। उनकी पत्नी नीता अंबानी को 2016 में केंद्र सरकार ने Y+ सिक्योरिटी प्रदान की थी। उनके बच्चों को भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से ग्रेडेड सुरक्षा दी जाती है। 

बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी के खिलाफ विकास साहा नाम के शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में 29 जून को एक याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब करते हुए उस खतरे के आकलन की डिटेल मांगी थी, जिसके आधार पर अंबानी और उनके परिवार को सिक्योरिटी दी गई है। इससे नाराज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

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