वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में भारत करेगा 15 फीसदी का योगदान 

मुंबई-अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक बेहतर स्थिति में बना हुआ है। इस साल की वैश्विक वृद्धि दर में अकेले भारत 15 फीसदी का योगदान देगा। हालांकि, उभरते और विकासशील देशों की हिस्सेदारी 80 फीसदी तक हो सकती है। 

जॉर्जीवा ने बुधवार को कहा कि डिजिटाइजेशन ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत को महामारी से बाहर निकाला। विवेकपूर्ण राजकोषीय नीति और अगले साल के बजट में प्रदान किए गए पूंजी निवेश के लिए महत्वपूर्ण वित्तपोषण विकास की गति को बनाए रखने में मदद करेगा। भारत का प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा है। मार्च में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए हम उम्मीद करते हैं कि भारत की विकास दर 6.8 फीसदी रह सकती है। वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के लिए हमारा अनुमान 6.1 फीसदी है। 

जॉर्जीवा ने कहा, मैंने विशेष रूप से नोटिस किया, भारत हरित अर्थव्यवस्था यानी ग्रीन इकनॉमी में निवेश पर कितना ध्यान दे रहा है, जिसमें देश को स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलने और विकास को जारी रखने की क्षमता के साथ नवीकरणीय ऊर्जा भी शामिल है। भारत ने डिजिटल आईडी के साथ एक बहुत ही साहसी कदम उठाया है। भारत की जी-20 अध्यक्षता भारत को उसके डिजिटाइजेशन अनुभव को और बेहतर तरीके से, विशेष रूप से विकासशील दुनिया के साथ शेयर करने का मौका देती है। निजी पहल इस सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में खुद को लाभान्वित कर सकती है और साथ ही भारत में विकास और रोजगार का समर्थन कर सकती हैं। 

निश्चित रूप से, भारत की जी -20 अध्यक्षता भारत को इस अनुभव को अधिक व्यापक रूप से, विशेष रूप से विकासशील दुनिया के साथ साझा करने का अवसर प्रदान करती है। इसलिए अन्य देश भारत के रास्ते अपना सकते हैं। उन्होंने कहा, सार्वजनिक पैसे का अच्छी तरह से इस्तेमाल हो। समाज में सबसे कमजोर लोगों तक इसे पहुंचना चाहिए। दूसरे शब्दों में कहे तो उन लोगों को सब्सिडी न मिले जिन्हें उसकी जरूरत नहीं है। । 

जॉर्जीवा ने एक साक्षात्कार में बताया, बाकी दुनिया की अर्थव्यवस्था की तरह भारत में भी थोड़ा धीमापन है, लेकिन वैश्विक औसत से यह ऊपर ही रहेगा। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत की सबसे तेज विकास दर है। भारत ऐसे समय में एक उज्ज्वल स्थान बना हुआ है जब आईएमएफ 2023 को मुश्किल होने का अनुमान लगा रहा है। इसने वैश्विक दर विकास को पिछले साल के 3.4 फीसदी से घटाकर 2023 2.9 फीसदी कर दिया है। 

भारत के उज्ज्वल स्थान के लिए यह तीन कारण प्रमुख हैं। पहला, महामारी के प्रभाव पर काबू पाने और विकास और नौकरियों के अवसर पैदा करने के डिजिटलाइजेशन पर काम। दूसरा, भारत की राजकोषीय नीति आर्थिक स्थितियों के प्रति जवाबदार रही है। नए बजट से भी अच्छे संकेत मिलते हैं। तीसरा, भारत ने महामारी के कठिन समय से उबरने के लिए बहुत मजबूत नीतियों को लागू करने में संकोच नहीं किया। 

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