एक माह में अदाणी समूह की कंपनियों के मूल्य में 11 लाख करोड़ की कमी
मुंबई- अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को अडानी ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों में से सात शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के खिलाफ एक निगेटिव रिपोर्ट जारी की थी। उस दिन कंपनी का मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ रुपये था जो अब घटकर 8.2 लाख करोड़ रुपये आ गया है। यानी एक महीने से भी कम समय में ग्रुप के मार्केट कैप में 57 फीसदी गिरावट आई है।
मंगलवार को ग्रुप की तीन कंपनियों अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के शेयरों ने पांच फीसदी का लोअर सर्किट छू लिया। अडानी टोटल गैस का शेयर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। 23 जनवरी को यह अपने 52 हफ्ते के टॉप 3998 रुपये पर था और मंगलवार को इसकी कीमत 878.35 रुपये रह गई। इस तरह इसकी कीमत में करीब 80 फीसदी गिरावट आई है।
मंगलवार अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के अलावा अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी विल्मर, अंबूजा सीमेंट्स और एसीसी के शेयरों में भी गिरावट आई। दूसरी ओर अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर और एनडीटीवी के शेयरों में तेजी आई। अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर अपने 52 हफ्ते के टॉप से 61 फीसदी गिर चुका है। इसी तरह अडानी पोर्ट्स का शेयर टॉप से 40 फीसदी नीचे आ चुका है।
गौतम अडानी निवेशकों को भरोसा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनकी कोई तरकीब काम नहीं आ रही है। रिपोर्ट आने के बाद कंपनी ने अपनी रणनीति बदल दी है। अब उसका जोर आक्रामक तरीके से विस्तार करने के बजाय अपनी वित्तीय स्थिति दुरुस्त करने पर है। ग्रुप ने इस साल 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने की बात कही है।
अडानी पोर्ट्स ने सोमवार को एसबीआई म्यूचुअल फंड का 1,500 करोड़ रुपये का बकाया चुका दिया और मार्च तक और 1,000 करोड़ रुपये देने की बात कही है। साथ ही अडानी ग्रुप ने पीटीसी इंडिया के लिए बोली नहीं लगाने का फैसला किया है।