समय पर परियोजना पूरी नहीं हुई तो रिन्यूएबल कंपनियां होंगी ब्लैक लिस्ट
नई दिल्ली। रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियां अगर समय से परियोजनाओं को पूरा नहीं करती हैं तो सरकार उन्हें तीन से पांच साल तक ब्लैक लिस्ट कर देगी। देश में हरित ऊर्जा को तेजी से बढ़ाने के लिए ऐसा फैसला किया गया है।
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, यदि कोई परियोजना निर्धारित तारीख तक पूरी नहीं होती है तो उसकी बैंक गारंटी को भुनाया जाना चाहिए और कारण बताओ नोटिस देकर डेवलपर को काली सूची में डाल दिया जाना चाहिए।
अब तक भारत ने अक्षय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) उत्पादन अनुबंधों में देरी के लिए किसी भी कंपनी को ब्लैक लिस्ट नहीं किया है। सरकार के आदेश में कहा गया है कि ब्लैक लिस्टिंग सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों के अनुसार है और सभी निविदाओं पर यह लागू होगा।
भारत को 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने की प्रतिबद्धता को प्राप्त करने के लिए सालाना 40 गीगावाट से अधिक क्षमता स्थापित करने की जरूरत है। यह 2022 की तुलना में लगभग 2.5 गुना ज्यादा होगा।
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि सोलर उपकरणों पर भारी आयात शुल्क के कारण हाल के महीनों में रिन्यूएबल एनर्जी संस्थानों को उपकरणों की आपूर्ति में व्यवधान का सामना करना पड़ा है।
महामारी के परिणामस्वरूप, मंत्रालय ने कई बार विस्तार करने के बाद दिसंबर, 2022 में एक साल और बढ़ाकर मार्च, 2024 कर दिया है। 2022 तक रिन्यूएनबल एनर्जी क्षमता में 175 गीगावाट हासिल करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन यह पूरा हो पाया। ग्रीन एनर्जी क्षमता वर्तमान में 121.55 गीगावॉट है।