नकली बेल्ट बेचने के आरोप में कंपनी पर 5 लाख रुपये का लगा जुर्माना 

मुंबई- मशहूर फ्रांसीसी कंपनी लुई वीटॉन (Louis Vuitton) के नकली बेल्‍ट बेचने के अपराध में दिल्‍ली हाई कोर्ट ने एक दुकानदार पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। यह रुपये दुकानदार को लुई वीटॉन को देने होंगे। अगर वह हर्जाना नहीं भरता है तो उसे 1 सप्‍ताह तक तिहाड़ जेल में सजा काटनी होगा।  

अपने आदेश में हाई कोर्ट ने कहा कि जालसाजी एक व्‍यावसायिक बुराई है जो ब्रांड वैल्‍यू को नष्‍ट करती है। राष्‍ट्रीय अर्थव्‍यवस्‍था के ताने-बाने पर भी गंभीर चोट करती है और उपभोक्‍ता के विश्‍वास पर डिगाती है। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरोपी को किसी भी तरह की राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद आरोपी ने नकली सामान बेचना नहीं छोड़ा। 

पीठ ने कहा कि वह नरमी का हकदार नहीं है, भले ही वह एक छोटा दुकानदार है और किराए की दुकान में अपना कारोबार चला रहा है। हाई कोर्ट ने ट्रेडमार्क उल्लंघन से संबंधित पहले से लंबित मुकदमे में सिविल प्रोसीजर कोड (CPC) के ऑर्डर के तहत लक्जरी ब्रांड एलवी द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए सोमवार का यह फैसला दिया। लुई वीटॉन (LV) एक फ्रेंच फैशन हाउस है. कंपनी लग्‍जरी चमड़े के उत्पादों से लेकर कपड़े, जूते, घड़ियां, गहने और धूप के चश्मे बेचती है। 

अपनी शिकायत में लुई वीटॉन ने आरोप लगाया कि आरोपी जावेद अंसारी कंपनी के नकली उत्‍पाद बेचता है। इस संबंध में उसके खिलाफ पहले से ही मुकदमा चल रहा है। कोर्ट के सितंबर 2021 के आदेश के बावजूद जावेद अंसारी सितंबर 2022 तक नकली एलवी उत्पाद बेच रहा था. सितंबर 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था जिसमें किसी भी तरह से पंजीकृत ट्रेडमार्क लुई वीटॉन, एलवी लोगो, या किसी भी समान ट्रेडमार्क वाले सामान के मैन्युफैक्चरिंग, वेयरहाउसिंग और बिक्री पर रोक लगा दी थी। 

न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने कहा कि एक छोटी सी दुकान में बेचे जा रहे नकली सामान का प्रभाव बहुत ज्‍यादा होता है। अदालत को इस तरह की प्रैक्टिस में शामिल लोगों को कड़ा संदेश भेजने की आवश्यकता है।  

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