अदाणी समूह के फटके में एलआईसी भी फंसी, 18 हजार करोड़ का है निवेश 

मुंबई- अदाणी ग्रुप के शेयर्स में गिरावट का असर बाजार में कई सरकारी बैंकों से लेकर सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी LIC में भी देखने को मिला। हिडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट ने बाजार को सकते में डाला हुआ है, वजह अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट आई है।  

अडानी समूह की कंपनी में जहां LIC का बड़ा निवेश है। वहीं कई सरकारी बैंकों ने बड़े पैमाने पर समूह को लोन दिया हुआ है। कुल मिलाकर हजारों करोड़ रुपये का सरकारी पैसा गौतम अडानी की कंपनियों में लगा है। 

देश की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक यानी LIC बड़े पैमाने पर शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में निवेश करती है। बीते दो साल में एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना निवेश तेजी से बढ़ाया है। समूह की 7 लिस्टेड कंपनियों में से 4 में इसका निवेश काफी बढ़ा है। 

अडानी ग्रुप की कंपनियों में बीमा सेक्टर की कंपनियों का कुल जितना निवेश है, उसमें से 98.9 प्रतिशत सिर्फ एलआईसी का है। 24 जनवरी को अडानी ग्रुप में एलआईसी का निवेश 81,268 करोड़ रुपये था। 27 जनवरी को इसका मूल्य घटकर 62,621 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह देश की जनता के करीब 18,647 करोड़ रुपये महज कुछ ही दिन में डूब गए। 

एनएसई के बैंक निफ्टी में 3.13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि अकेले एलआईसी के शेयर्स में 3.25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इतना ही नहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर में भी भारी गिरावट देखी गई है. 

अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की शेयर होल्डिंग 4.23 प्रतिशत के आसपास है। जबकि अडानी ट्रांसमिशन में एलआईसी की हिस्सेदारी 3.65 प्रतिशत है, अडानी पोर्ट में एलआईसी की हिस्सेदारी 9.14 प्रतिशत, अडानी टोटल गैस में 5.96 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट में 6.33 प्रतिशत और एसीसी में 6.41 प्रतिशत है। 

मार्केट रिसर्च कंपनी सीएलएसए के मुताबिक अडानी ग्रुप पर कुल जितना लोन है, उसका 40 प्रतिशत से भी कम हिस्सा बैंकों का है। अडानी ग्रुप को बैंकों की फंडिंग पिछले कुछ सालों में बढ़ी है। समूह की टॉप 5 कंपनियों में बैंकों की फंडिंग बीते तीन से चार साल में एक लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 4 लाख करोड़ रुपये हो गई है। 

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