सोने की मांग कोरोना के पहले स्तर पर, तीसरी तिमाही में 14 फीसदी बढ़ी
मुंबई- देश में सोने की मांग कोरोना के पूर्व स्तर पर पहुंच गई है। तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर यह 14 फीसदी बढ़कर 191.7 टन रही है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के मुताबिक, पिछले साल जुलाई से सितंबर के दौरान यह 168 टन रही थी। मूल्य के लिहाज से सोने की मांग 19 फीसदी बढ़कर 85,010 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 71,630 करोड़ रुपये रही थी।
आंकड़ों के मुताबिक, तीसरी तिमाही में मजबूत मांग ग्राहकों की ओर से दिखी है।जूलरी की मांग में इसी दौरान 17 फीसदी बढ़कर 146.2 टन रही है जो एक साल पहले 125.1 टन रही थी। मूल्य के लिहाज से इसमें 22 फीसदी की तेजी आई और यह 64,860 करोड़ रुपये रही जो कि एक साल पहले समान अवधि में 53,330 करोड़ रुपये थी।
डब्ल्यूजीसी के मुताबिक, देश में बैंकों की उधारी की वृद्धि दर समान तिमाही में 9 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है। सोने की जूलरी में रिकवरी मूलरूप से शहरी भारत में दिखी है, खासकर दक्षिण भारत में। हालांकि, गांवों में सोने की मांग पर असर दिखा है क्योंकि मानसून और महंगाई से लोगों ने खरीदी से दूरी बनाई रखी। इसी दौरान खुदरा निवेशकों ने सोने की कीमतों में गिरावट, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और गणपति तथा पूजा त्योहार के कारण खरीदी की जिससे सिक्कों और छड़ों की मांग में सालाना आधार पर 6 फीसदी की तेजी देखी गई जो 45.4 टन रही।
डब्ल्यूजीसी ने कहा कि इस साल में बाकी बचे समय में भी सोने की मांग में तेजी रहने की उम्मीद है। क्योंकि ब्याज दरें ऊपर जा रही हैं और रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है। दिवाली और धनतेरस जैसे अवसरों पर भारी खरीदी हुई है जिससे चौथी तिमाही में और ज्यादा बेहतरीन प्रदर्शन दिखेगा। हालांकि, इसके बावजूद पिछले साल के प्रदर्शन से यह कम रह सकता है।
पूरे साल के लिए सोने की मांग का अनुमान 750-800 टन रहने का है जो पिछले साल के करीब ही होगा। 2021 में कुल 1,003 टन सोना का आयात हुआ था जो इस साल तीसरी तिमाही तक 559 टन रहा था। मूल्य के लिहाज से सोने में निवेश तीसरी तिमाही में 20,150 करोड़ रुपये रहा था जो एक साल पहले के 18,300 करोड़ की तुलना में 10 फीसदी अधिक है। इसी दौरान 16 टन सोने को रीसाइकिल किया गया जो पिछले साल की तुलना में 23 फीसदी कम है।
वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 28 फीसदी बढ़कर 1,181.51 टन रही है। एक साल पहले यह 921.9 टन रही थी। सालाना आधार पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश 47 फीसदी घट गया। ईटीएफ से इस दौरान कुल 26 टन की निकासी रही। हालांकि, सिक्के और छड़ में निवेश 36 फीसदी बढ़कर 351.1 टन रहा जो एक साल पहले 258.9 टन रहा था। सोने की औसत कीमत इस दौरान 7.59 फीसदी गिरकर 1,728 डॉलर प्रति औंस रही।
सोने की कीमतें मंगलवार को 177 रुपये बढ़कर 50,869 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच गईं। चांदी 1,022 रुपये बढ़कर 59,000 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। इससे पहले सोमवार को सोना 50,692 रुपये पर और चांदी 57,978 रुपये पर थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,649.8 डॉलर प्रति औंस रहा जबकि चांदी 19.75 डॉलर प्रति औंस रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने बताया कि आगे सोने की कीमतें अमेरिकी फेडरल द्वारा ब्याज दरों के बढ़ाने के फैसले और डॉलर की चाल पर निर्भर होगी।