सितंबर में थोक महंगाई लगातार 18वें महीने भी 10 पर्सेंट से ऊपर
मुंबई- सितंबर महीने में थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है। होलसेल प्राइस-बेस्ड इन्फ्लेशन (WPI) 10.70% पर आ गई है। इससे पहले अगस्त में ये 12.41% और जुलाई में 13.93% पर थी। पिछले साल सितंबर 2021 में WPI 10.66% रही थी। हालांकि, ये लगातार 18वां महीना है, जब महंगाई डबल डिजिट में बनी हुई है।
सितंबर में फूड इन्फ्लेशन 8.08% पर पहुंच गया है, जो अगस्त में 9.93% था। सब्जियों की महंगाई 22.3% से बढ़कर 39.66% हो गई है। आलू की महंगाई 43.56% से बढ़कर 49.79% पर पहुंच गई है। अंडे, मीट और मछली की महंगाई 7.88% से घटकर 3.63% पर आ गई। प्याज की महंगाई -24.76 से बढ़कर -20.96% पर आ गई है। फ्यूल और पावर इंडेक्स, जिसमें LPG, पेट्रोलियम और डीजल जैसे आइटम शामिल हैं, इनकी महंगाई 33.67% से घटकर 32.61% हो गई है।
थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहना चिंता का विषय है। ये ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर को प्रभावित करती है। यदि थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक उच्च रहता है, तो प्रड्यूसर इसे कंज्यूमर्स को पास कर देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है।
जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कर सकती है, क्योंकि उसे भी सैलरी देना होता है। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।
सितंबर में रिटेल महंगाई बढ़कर 7.41% हो गई, जो अगस्त में 7% थी। वहीं एक साल पहले, यानी सितंबर 2021 में ये 4.35% थी। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर के आंकड़े बुधवार को जारी किए गए थे।
खाने-पीने का सामान खास तौर पर सब्जियों और दालों की कीमतों के बढ़ने की वजह से महंगाई बढ़ी है। सितंबर महीने में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर अगस्त के 7.62% से बढ़कर 8.6% पर आ गई, जबकि सब्जियों की महंगाई अगस्त के 13.23% से बढ़कर 18.05% पर पहुंच गई है।