बड़े भारतीय बैंक रूस के साथ रुपये में कारोबारसे खींच रहे हैं हाथ 

मुंबई- रूस पर कई देशों के प्रतिबंध लगाने की खबरों के बीच भारत के बड़े बैंक अब रूस के साथ रुपये में प्रत्यक्ष कारोबार से हाथ खींचने लगे हैं। आरबीआई ने जुलाई में कहा था कि देश के बैंक तत्काल प्रभाव से भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार निपटान की व्यवस्था स्थापित करें। इसके बाद दो छोटे बैंक इस प्रणाली को अपनाने के लिए आगे बढ़े हैं।  

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली और विशेष रूप से डॉलर के अधिक जोखिम वाले बड़े बैंक चिंतित हैं कि अगर प्रतिबंध लगा तो उनके कारोबार बाधित हो सकते हैं। यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस पर पश्चिमी प्रतिबंध से डॉलर तक पहुंच को सीमित करने की कोशिश की जा रही है। भारत के रूस के साथ गहरे व्यापारिक संबंध हैं। रुपया अमेरिकी डॉलर और यूरो को निपटाने के लिए बाईपास करने में मदद कर सकता है।  

रूस में एक भारतीय राजनयिक ने कहा कि रूसी बैंकों ने रुपया कारोबार समझौता स्थापित करने के लिए 8 बड़े भारतीय बैंकों से संपर्क किया था, लेकिन भारतीय बैंकों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। इसमें कुछ बैंकों में एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हैं। 

सूत्रों ने कहा कि कई सारे बैंकों ने यह फैसला किया है कि फिलहाल के लिए वे रुपये में कारोबार नहीं करेंगे। एक ब़ड़े बैंक के अधिकारी ने कहा कि इस तरह के निपटान के तरीके से प्रतिबंधों के नियमों का उल्लंघन हो सकता है। पश्चिमी देश हमारे पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं जिससे कारोबारी और प्रतिष्ठात्मक घाटा हो सकता है। भारतीय बैंक गैर स्वीकृत रूसी संस्थाओं के साथ डॉलर या यूरो में व्यापार का निपटान करनी जारी रख सकते हैं लेकिन उनका मानना है कि रुपये में निपटान जांच के दायरे में आ सकता है। 

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