ओयो होटल का आईपीओ अगले साल की शुरुआत में आने की उम्मीद 

मुंबई- ओयो होटल्स का IPO 2023 की शुरुआत में आ सकता है। होटल-बुकिंग कंपनी ने सोमवार को SEBI के पास नए फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट दाखिल किए हैं। OYO ने नवंबर 2021 में IPO डॉक्यूमेंट दाखिल किए थे, लेकिन कोरोना महामारी ने कंपनी को नुकसान पहुंचाया और उसे हजारों नौकरियों में कटौती करनी पड़ी, जिसके बाद इस साल की शुरुआत में IPO लिस्टिंग की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

OYO की तरफ से सोमवार को फाइल किए गए अडेंडम से पता चलता है कि FY23 के पहले क्वार्टर, यानी अप्रैल, मई और जून में कंपनी की सेल्स बढ़ी है और घाटा कम हुआ है। ओयो का पहली तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू 1,459.3 करोड़ रुपए रहा। फर्म ने Q1FY23 में प्रति होटल ग्रॉस बुकिंग वैल्यू में 47% की बढ़ोतरी दर्ज की है। ये 3.25 लाख रुपए रही, जो कि FY22 में 2.21 लाख रुपए थी।

ओयो ने दावा किया कि FY22 में उसके जनरल और एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपेंस में 44.4% की कमी आई है। वित्तवर्ष 2022 में ये 515.4 करोड़ हो गए, जो कि वित्तवर्ष 2021 में 927 करोड़ रुपए थे। कर्मचारियों पर खर्च भी 26.5% घटकर 1,117.2 करोड़ रुपए हो गए, जो FY21 में 1,520.4 करोड़ रुपए थे। ओयो ने कहा कि वित्तवर्ष 2023 की पहली तिमाही के अंत में उसके ‘स्टोरफ्रंट’ 1.68 लाख हो गए, जो वित्तवर्ष 2021 के अंत में करीब 1.57 लाख थे।

दूसरी तिमाही के फाइनेंशियल्स जमा करने के बाद सेबी ओयो होटल्स के IPO डॉक्यूमेंट पर विचार कर सकता है। इस स्पीड को देखते हुए ओयो होटल्स FY23 की चौथी तिमाही तक अपना IPO लॉन्च कर सकता है।

ओयो की शुरुआत 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी, जो तब 19 साल के थे। OYO रूम्स ने सस्ते होटल्स को टारगेट किया। ये होटल वालों के पास जाते थे और उन्हें अपने साथ जोड़ते थे। इसके बाद वो होटल की ब्रांडिंग, मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी सपोर्ट, कस्टमर मैनेजमेंट और उसके लुक एंड फील पर काम करते थे। इससे होटल का बिजनेस 2 गुना तक बढ़ जाता था। धीरे-धीरे कॉन्सेप्ट पॉपुलर होने लगा और फंडिंग की झड़ी लग गई।

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