मूडीज और एसबीआई ने भारत की विकास दर के अनुमान में की कटौती 

मुंबई- भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने FY23 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। पूरे साल के लिए इसे 7.5% से घटाकर 6.8% कर दिया गया है। सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को कम करने का कारण स्टैटिस्टिकल एडजेस्टमेंट को बताया गया है। हालांकि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ग्रोथ मोमेंटम में तेजी की उम्मीद जताई गई है। 

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भी वित्तवर्ष 2023 के लिए भारत के GDP अनुमान को घटा दिया है। इसे 8.8% से घटाकर 7.7% और वित्तवर्ष 2024 के लिए 5.2% कर दिया है। मूडीज ने इसका कारण बढ़ती ब्याज दरों और ग्लोबल ग्रोथ को धीमे होने को बताया है। 

नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO) ने बुधवार को 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के GDP आंकड़े जारी किए थे जिसके बाद SBI और मूडीज ने अपना ग्रोथ अनुमान कम किया है। NSO के आंकड़ों के मुताबिक जून तिमाही में GDP ग्रोथ 13.5% रही। पिछले साल की समान तिमाही में ये 20.1% थी। पिछली तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 4.1% थी। यानी देश की विकास दर पिछली यानी जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में बेहतर रही। 

घोष ने कहा, GDP भले ही 10 फीसदी से ज्यादा रही हो, लेकिन फिर भी यह बाजार की उम्मीदों से कम है। इसका सबसे बड़ा कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ रही जिसमें पहली तिमाही में 4.8% की मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली। Q1FY22 में ये 49% थी। कंस्ट्रक्शन में ग्रोथ रेट 16.8% रही जो Q1FY22 में 71.3% थी। इसके अलावा, माइनिंग ग्रोथ 18% से घटकर 6.5% रह गई। 

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