वीवो से जुड़ी कंपनी के निदेशक भागे विदेश, 64,000 करोड़ रुपये चीन भेजे 

मुंबई- प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि वीवो से जुड़ी कंपनी जीपीआईसीपीएल के चीनी निदेशक झेंगशेन ओउ और झांग जी पिछले साल ही भारत छोड़ गए थे। ईडी ने बृहस्पतिवार को अपनी उस रिपोर्ट में सुधार किया, जिसमें कहा था कि चीनी कंपनी के 40 ठिकानों के बाद इन निदेशकों ने देश छोड़ा है। 

निदेशालय ने मंगलवार को यूपी, मध्य प्रदेश और कुछ दक्षिणी राज्यों में वीवो मोबाइल कम्युनिकेशंस व कुछ अन्य चीनी कंपनियों के 40 से अधिक ठिकानों पर छापे मारे थे। सीबीआई पहले से ही इस मामले की जांच कर रही है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून के उल्लंघन के मामले में नई जांच शुरू की है।  

सूत्रों के मुताबिक, वीवो की स्थानीय इकाइयां चीन की अन्य फर्मों की जांच के साथ कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए ईडी के निशाने पर हैं। वीवो के मामले में स्वामित्व व वित्तीय रिपोर्टिंग में महत्वपूर्ण अनियमितताओं के मामले में इस साल अप्रैल में जांच रिपोर्ट तलब की गई थी। 

चीनी कंपनियों के खिलाफ ईडी की जांचों के सिलसिले में चीनी दूतावास ने कहा, इस तरह की गतिविधियों से देश में काम कर रहीं व यहां निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों का विश्वास कमजोर होता है। 2020 में सीमा विवाद के बाद से कई चीनी कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना मुश्किल हो गया है। सुरक्षा के नजरिये से भारत ने 300 से अधिक चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया है।  

प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो ने कर चोरी के इरादे से अपने मुनाफे का आधा यानी 62,476 करोड़ रुपये चीन भेजा। ईडी ने बताया कि मंगलवार को देशभर में वीवो व उसकी 23 सहयोगी कंपनियों के यहां छापों में उसने विभिन्न फर्मों के 119 बैंक खातों में जमा 465 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। इसके अलावा 73 लाख की नकदी व दो किलो सोने की ईंट भी जब्त की है।  

ईडी के मुताबिक वीवो में कई कंपनियों को साझेदार बनाने के बाद उसके पूर्व निदेशक बिन लोउ 2018 में भारत छोड़कर चले गए थे। ईडी ने आरोप लगाया कि कुछ चीनी नागरिकों समेत वीवो इंडिया के कर्मचारी उसकी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ये लोग डिजिटल उपकरणों को गायब करने की फिराक में हैं। 

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