पेटीएम ने साधा सरकार पर निशाना, कहा कंपनियों को भारत में सेकेंडरी लिस्टिंग के लिए मजबूर करने से सजा जैसा कदम होगा
मुंबई– पेटीएम के एक अधिकारी ने सरकार पर निशाना साधा है। इस अधिकारी के मुताबिक अगर भारतीय कंपनियों को सेकेंडरी बाजार में लिस्टिंग करने के लिए मजबूर करना सजा जैसा कदम होगा। अधिकारी ने कहा कि अगर कंपनियां विदेशी बाजारों में पहले लिस्ट का विकल्प चुनती हैं तो उन्हें भारत में सेकेंडरी लिस्टिंग के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।
फिनटेक कंपनी पेटीएम के प्रेसीडेंट मधुर देवड़ा ने एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत की यह योजना है कि जो कंपनी विदेशों के शेयर बाजार में पहले लिस्ट होगी, उसे भारत में सेकेंडरी बाजार में भी लिस्ट होना होगा। उनका कहना है कि कंपनियों को जहां चाहें लिस्टिंग करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
सॉफ्टबैंक समर्थित पेटीएम के मधुर देवड़ा ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सिर्फ कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि डिजिटल इकोसिस्टम के लिए भी अच्छा होगा। देवड़ा ने यह बात तब कही है, जब भारत फोर्जिंग नियमों पर काम कर रहा है। इससे भारतीय स्टार्टअप्स के लिए विदेशों में लिस्टिंग करने और बड़ी पूंजी तक पहुंचने के लिए दरवाजे खुलेंगे।
इस महीने की शुरुआत में ही बताया गया था कि सरकार किसी भी भारतीय कंपनी के लिए देश में सेकंडरी लिस्टिंग को अनिवार्य करने पर भी विचार कर रही है। यह उनके लिए होगा जो विदेश में पहले लिस्ट होने का विकल्प चुनती हैं। यह एक ऐसा कदम है जिससे निवेशकों को डर है कि इससे मूल्यांकन को बड़ा नुकसान होगा। देवड़ा ने कहा कि मेरा फैसला होता तो यह फैसला मैं कंपनियों और उनके बोर्ड पर छोड़ देना पसंद करता। यह विचार हमारे जीवन को और जटिल बना देगा।
देवड़ा ने कहा कि डिजिटल पेमेंट्स स्पेस में पेटीएम के खिलाफ होड़ करने वाली गूगल जैसी कंपनियों की ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि हम भारतीय हैं और भारत में हमारा डोमिसाइल है। इससे हमारे लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए। 2016 में पेटीएम स्टार्टअप में शामिल हुए पूर्व निवेशक बैंकर देवड़ा ने कहा कि पेटीएम अपने समर्थकों में चीनी तकनीकी कंपनी अलीबाबा और बर्कशायर हैथवे की भी गिनती करता है। पेटीएम अगले 12 से 18 महीने के भीतर मुनाफे में आने की उम्मीद है।
भारत के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप्स में से एक पेटीएम ने एक दशक पहले मोबाइल रिचार्ज के एक प्लेटफॉर्म के रूप में शुरुआत की थी लेकिन अब यह फ्लाइट टिकट से लेकर म्यूचुअल फंड तक बेचता है। यह भारत के डिजिटल भुगतान बाजार में गूगल पे, वॉलमार्ट के फोनपे और अमेजन-पे के साथ प्रतिस्पर्धा करता है। यह बाजार 2019 में 135 अरब डॉलर का था जो 2023 तक दोगुना हो जाएगा। देवड़ा ने लिस्टिंग के लिए टाइमलाइन के बिना कहा कि हम केवल एक लाभदायक कंपनी के रूप में शेयर बाजार में लिस्ट होना चाहते हैं।