15 लाख सालाना सैलरी को NSE ने दिया 4.21 करोड़ रुपए की सैलरी 

मुंबई- गुरुवार को चित्रा और आनंद सुब्रमण्यम के घर पर इनकम टैक्स ने छापा मारा। यह छापा हालिया सेबी के जारी आदेश के बाद मारा गया है।  

2013 में चित्रा ने सुब्रमण्यम को चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर बनाया। सुब्रमण्यम NSE में आने से पहले सरकारी कंपनी बामर एंड लॉरी में काम कर रहे थे। उनकी सैलरी 15 लाख रुपए सालाना थी। NSE में उनको 9 गुना सैलरी पर रखा गया जो 1.38 करोड़ रुपए रही। इसके बाद उन्हें लगातार प्रमोशन और इंक्रीमेंट मिलता था। साथ ही हफ्ते में केवल 3 दिन ही ऑफिस आने की सुविधा भी थी।  

हालांकि NSE ने 2018 में सेबी को बताया कि उसके लीगल एडवाइजर्स ने मनोविज्ञान के जानकारों की मदद ली है। इससे पता चला कि आनंद सुब्रमण्यम ने ही अज्ञात योगी की ईमेल आईडी बनाई। इसी आईडी से वह चित्रा को ईमेल भेजता था। योगी के ईमेल में यह भी कहा गया कि अगर धरती पर इंसान के रूप में पैदा होने का मौला मिलता तो इसके लिए आनंद का शरीर सबसे बेहतर होता।  

सेबी के ऑर्डर के मुताबिक, आनंद जनवरी 2013 में NSE में आए और उनकी सैलरी 1.68 करोड़ रुपए तय हुई। अप्रैल 2016 में यह सैलरी बढ़कर 4.21 करोड़ रुपए सालाना हो गई। हालांकि वे इसके तुरंत बाद कंपनी से निकल गए। 2013 में उन्हें सलाहकार के पद पर NSE में लाया गया। सेबी ने कहा कि नोटिसी नंबर 6 यानी कंचन हर महीने पैसा निकालकर किसी और को देती थी। कंचन को ही आनंद बताया गया है क्योंकि सेबी के नोटिसी 6 में आनंद का नाम है।   

सुब्रमण्यम की सैलरी 2014 मार्च में 20% बढ़ी जबकि दो महीने बाद फिर 15% बढ़ाई गई। साल 2015 में भी उन्हें दो पार प्रमोशन और इंक्रीमेंट मिला। मार्च 2015 में सैलरी 15 पर्सेंट और अप्रैल 2015 में 10% बढ़ाई गई। सेबी को दिए जवाब में एनएसई के HR हेड ने कहा कि आनंद का बायोडाटा खुद चित्रा ने उन्हें दिया और उनका एजुकेशन सर्टिफिकेट, प्रोफेशनल कागजात सभी चित्रा के पास थे। 

चित्रा ने अपने कैरियर की शुरुआत 1985 में IDBI बैंक में प्रोजेक्ट फाइनेंस से शुरू किया था। NSE जब 1992 में शुरू हुआ तब से वे इसके साथ में थीं। वे 2013 में फॉर्च्यून 50 की लिस्ट में टॉप पावरफुल महिलाओं में शामिल थीं। NSE की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने 2 दिसंबर 2016 को NSE से इस्तीफा दे दिया था। उसके पहले के 8 महीने में उनको सैलरी के रूप में 18 करोड़ रुपए मिली। उनका पहले पैकेज 9 करोड़ रुपए सालाना था जो 2016 में दोगुना हो गई थी। जबकि अभी के NSE CEO विक्रम लिमये को 2016 में 4-6 करोड़ रुपए की सैलरी ऑफर की गई थी। चित्रा को यह सैलरी 2013 में दी गई थी।  

सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रबंध निदेशक (MD) चित्रा रामकृष्णा के ईमेल का खुलासा किया है। सेबी ने जो ईमेल हासिल किया है, उसमें इस तरह की सारी जानकारियां हैं जो पूरी तरह से एक अजीब कहानी है। सेबी ने चित्रा पर 4 दिन पहले ही 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। इसके मुताबिक, सेबी ने एक अज्ञात व्यक्ति और रामकृष्ण के बीच किए गए ईमेल का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि दोनों कुछ मौकों पर मिले थे।  

इसने अपने आदेश में 17 फरवरी, 2015 को कथित रूप से उस अज्ञात व्यक्ति से रामकृष्ण को भेजे एक ईमेल का खुलासा किया जिसमें लिखा था, “कृपया, बैग तैयार रखिए। मैं अगले महीने सेशेल्स की यात्रा की प्लानिंग का रहा हूं, कोशिश करूंगा कि आप भी मेरे साथ चलें। इससे पहले कंचन, कंचना और बरघवा के साथ लंदन चले जाएं और आप दो बच्चों के साथ न्यूजीलैंड जाएं। 

ईमेल के अनुसार अगर आपको मदद की ज़रूरत है तो मुझे बताएं। सेशु ज़रूरी काम कर देगा। अगर आप तैरना जानते हैं तो हम सेशेल्स में समुद्र के स्नान का मजा ले सकते हैं और समुद्र तट पर आराम कर सकते हैं। मैं अपने टूर ऑपरेटर से पूछ रहा हूं कि वह हमारे सभी टिकटों के लिए कंचन से संपर्क करे। हमारे लिए हांगकांग और सिंगापुर ट्रांजिट और आगे की यात्रा के लिए एक पसंदीदा जगह होगी। 

अज्ञात व्यक्ति ने 25 फरवरी 2015 को रामकृष्ण को एक और ईमेल लिखा। इसमें लिखा था कि मैंने सुना जब आपने कंचन से कहा कि चलो पैक करते हैं और निकलते हैं। तैयार हो जाओ काउंटडाउन अब शुरू होता है। मैं सेशेल्स के लिए रहता हूं जहां आप इसे ठंडा कर सकते हैं।” सेबी के आदेश में कहा गया है कि “कंचन” आनंद सुब्रमण्यम एक ही थे, जबकि कंचना, बरघवा और सेशु की पहचान का खुलासा नहीं किया गया था।  

सेबी ने कहा कि रामकृष्णन ने इससे पहले 14 अप्रैल, 2018 को अपने बयान में कहा था कि वह नई दिल्ली के स्वामीमलाई मंदिर में अज्ञात व्यक्ति के साथ बैठक में शामिल हुईं और ऐसे पवित्र स्थानों पर उनसे मुलाकातें भी की। सेबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एनएसई ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति सुब्रमण्यम था। 

सेबी के आदेश के अनुसार 18 फरवरी, 2015 को एक अन्य ई-मेल में उस अज्ञात व्यक्ति’ ने रामकृष्णन से कहा कि आज आप बहुत अच्छे लग रहे हैं। आपको अपने बालों को बांधने के लिए अलग-अलग तरीके सीखने होंगे जो आपके लुक को दिलचस्प और आकर्षक बना देंगे। बस एक मुफ्त सलाह दे रहा हूँ। मुझे पता है कि आप इसे जरूर लपक लेंगे। अपने आपको मार्च के बीच में थोड़ा फ्री रखें। 

16 सितंबर, 2015 को अज्ञात व्यक्ति द्वारा रामकृष्ण को भेजे गए ई-मेल में कहा गया है कि जो मकर कुंडल गीत मैंने भेजा, उसे क्या आपने सुना है? आपको उसकी बोल और धुन को सुननी चाहिए। मैं आपके चेहरे पर खुशी दिल में उमंग देखकर बहुत खुश हूँ। मैंने कल आपके साथ समय बिताकर अच्छा महसूस किया। 

उनका कहना है कि वे मेल आईडी rigyajursama@outlook.com पर उनसे करीब 20 वर्षों से संपर्क में थीं। बाबा की इस मेल आईडी में ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद के आगे के दो अक्षर हैं। रामकृष्ण ने कुछ अत्यधिक महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट और बिजनस से जुड़े फैसलों में इस बाबा से निर्देश लिए।  

इन कई निर्देशों में से एक में बाबा ने चित्रा से आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त करने के लिए कहा था। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि उसकी सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्राएं फर्स्ट क्लास में हो और एमडी से अगला केबिन उसी का हो। यही नहीं, रामकृष्ण परफॉर्मेंस अप्रेजल की रेटिंग देते हुए भी बाबा से सलाह लेती थी और सुब्रमण्यम को हमेशा A+ रेटिंग देती थीं। 

NSE की रिपोर्ट से सामने आया कि रामकृष्ण NSE का पांच वर्षों का कारोबारी अनुमान, वित्तीय स्थिति, डिविडेंड रेश्यो, कारोबारी योजनाएं, बोर्ड का एजेंडा, विचार-विमर्श और अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी बाबा से साझा करती थीं। रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक NSE की MD एवं CEO थीं।  

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