10 हजार पॉलिसी पर LIC की 2.4 पॉलिसी मिस सेलिंग वाली, ICICI प्रूडेंशियल टॉप पर  

मुंबई- वित्तीय सलाहकार वर्षों से ऊंचे कमीशन, चार्जेस और एग्जिट से जुड़ी बाधाओं के चलते लाइफ इंश्योरेंस-कम-इनवेस्टमेंट पॉलिसीज को खरीदने के खिलाफ रिटेल इनवेस्टर्स को आगाह करते रहे हैं। 

लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) के कोर प्रोडक्ट्स- पारंपरिक इंडोमेंट प्लांस (endowment plans) की अस्पष्ट चार्ज स्ट्रक्चर और ऊंची सरेंडर कॉस्ट की अक्सर आलोचना होती रही है। LIC के ड्राफ्ट पेपर में दिए गए पॉलिसीहोल्डर्स की शिकायतों से जुड़ा डाटा बताता है कि इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ उद्योग में सबसे कम मिस-सेलिंग की शिकायतें मिली हैं।  

LIC के खिलाफ अप्रैल-सितंबर, 2021 में प्रति 10,000 पॉलिसीज पर 2.4 मिस सेलिंग की शिकायतें मिली थीं, जबकि एसबीआई लाइफ के खिलाफ 7.6 शिकायतें मिलीं। अन्य लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की स्थिति खासी खराब है। प्रति 10 हजार पॉलिसी पर ICICI प्रूडेंशियल के खिलाफ 34.4, बजाज आलियांज के खिलाफ 28.4, मैक्स लाइफ के खिलाफ 23.8 और HDFC Life के खिलाफ 18.3 मिस-सेलिंग की शिकायतें मिली थीं। 

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए, LIC ने प्रति 10 हजार पॉलिसी पर 2.4 शिकायतों के साथ बेहतर आंकड़ा दर्ज किया था। अनफेयर बिजनेस प्रैक्टिसेज के तहत मिली शिकायतों को मिस-सेलिंग माना जाता है। हालांकि, उद्योग के जानकार मिस-सेलिंग की शिकायतों में कम हिस्सेदारी की बात से सहमत नहीं हैं। पू 

भारत में वित्ती साक्षरता की कमी वजह से सेविंग प्लान बेचना आसान है। भविष्य में वित्तीय रूप से ज्यादा जानकार लोगों, युवाओं को ऊंचे कमीशन और सरेंडर चार्ज वाली पॉलिसी बेचना आसान नहीं होगा। यह समस्या लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में लंबे समय से बनी हुई है। प्रोडक्ट के जटिल स्ट्रक्चर से भी समस्या होती है।  

इरडा (IRDAI) के मिस-सेलिंग रोकने के उद्देश्य से इंश्योरेंस कंपनियों के लिए नियम बनाने, कमीशन सीमित करने के बावजूद यह चुनौती बरकरार है। इसके चलते पॉलिसी लैप्स होने के मामले ज्यादा होते हैं। इरडा के 2020-21 के आंकड़ों के मुताबिक, LIC के मामले में एक तिहाई पॉलिसीहोल्डर्स एक साल बाद अपनी पॉलिसी छोड़ देते हैं, जबकि 52 फीसदी पांच साल के बाद यानी 61 महीने में पॉलिसी छोड़ देते हैं।  

प्राइवेट सेक्टर की स्थिति भी इस मामले में खराब है, जिनके 13वें महीने और 61वें महीने में लैप्स होने के मामले में क्रमशः 69 फीसदी और 41 फीसदी हैं। हालांकि, कुल शिकायतों के मामले में LIC का प्रदर्शन ऐसा नहीं रहा है, जिसमें पॉलिसी प्रोसेसिंग, सर्विसिंग, क्लेम प्रोसेसिंग आदि आती हैं। इन मामलों में 30 सितंबर, 2021 तक प्रति 10 हजार पॉलिसी पर LIC के खिलाफ 48.7 शिकायतें आईं, जिसके आगे 50 शिकायतों के साथ सिर्फ ICICI प्रूडेंशियल रही। 

आम तौर पर पब्लिक सेक्टर की कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा रहता है, लेकिन अप्रैल-सितंबर, 2021 में यह घटकर 94.2 फीसदी रह गया उससे आगे एचडीएफसी लाइप (98 फीसदी) और बजाय अलायंज लाइफ (95.1 फीसदी) रहीं। वित्त वर्ष 2020-21 में उसने 98.3 फीसदी डेथ क्लेम सेटल किए, जबकि 0.9 फीसदी दावे खारिज कर दिए। 

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