Arya.ag और एमएएस फाइनेंशियल किसानों को फाइनेंस के लिए किया गठबंधन 

मुंबई- भारत के सबसे बड़े एकीकृत अनाज वाणिज्‍य मंच आर्या ने प्रमुख एनबीएफसी एमएएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के साथ गठबंधन की घोषणा की है। यह गठबंधन विशेष रूप से छोटे किसानों और एफपीओ पर केन्द्रित होकर किसानों के लिये एग्री-फाइनेंस की पेशकश करने के लिये किया गया है। सेवाओं की पेशकश Arya.agकी ऋण सेवा शाखा आर्याधन फाइनेंशियल सर्विसेज प्रा. लि. द्वारा होगी। 

यह गठबंधन Arya.ag के डिजिटल टेक्‍नोलॉजीज से चालित कस्‍टमर इंटरफेस का इस्‍तेमाल करेगा, जिससे नये जमाने का अबाध और इंटेलिजेंट एंड-यूजर अनुभव इस फिनटेक प्‍लेटफॉर्म पर डिलीवर होता है। Arya.ag की अलग और खेत के समीप एकीकृत पेशकश, स्‍टोरेज के लिये व्‍यापक समाधान, डिजिटल तरीके से ऋण देना और डिजिटल बाजार छोटे और हाशिये पर खड़े किसानों के लिये आदर्श प्‍लेटफॉर्म की तरह काम करते हैं, अन्‍यथा वे वित्‍तीय सेवाओं तक पहुँच से वंचित थे। 

शुरूआत में यह गठबंधन डिजिटल ऋण सेवाओं की पेशकश करेगा, जो Arya.ag के प्‍लेटफॉर्म पर महाराष्‍ट्र, गुजरात, राजस्‍थान और मध्‍यप्रदेश के किसानों को मिलेंगी। इस गठबंधन से Arya.ag और एमएएस फाइनेंशियल सर्विसेस का लक्ष्‍य 100 करोड़ रूपये का को-लेंडिंग पोर्टफोलियो हासिल करना है और इसके लिये नये जमाने की डिजिटल टेक्‍नोलॉजीज से काम लिया जा रहा है। ऋण लेने वालों के लिये फायदा प्रतिस्‍पर्द्धी दामों और लोन की परेशानी से मुक्‍त प्रोसेसिंग में है, जिसे सहयोग देने के लिये टेक्‍नोलॉजी है, जो फाइनेंसियर की ट्रांजेक्‍शन सम्‍बंधी सभी आंतरिक आवश्‍यकताओं का ध्‍यान रखती है।   

फार्म प्रोड्यूस-एज़-कोलेटरल मॉडल ने सुनिश्चित किया है कि शुरूआत से ही Arya.agकी ऋण सेवाएं एनपीए से मुक्‍त हैं और प्रति कर्जदार औसत टिकट साइज 28 लाख रूपये है। Arya.ag आज वेयरहाउस रिसीट फाइनेंस (डब्‍ल्‍यूआरएफ) में सबसे बड़ी एनबीएफसी है, जिसे किसानों और एफपीओ तक उसकी गहरी पहुँच अलग बनाती है। टेक्‍नोलॉजी से चालित मॉडल ट्रांजेक्‍शन के खर्च को कम करता है, कर्जदारों के लिये कम ब्‍याज दर रहती है और लोन मिलने के टर्नअराउंड टाइम (टीएटी) में शीघ्रता आती है। कंपनी एक साल में 700 मिलियन से ज्‍यादा अमेरिकी डॉलर का फाइनेंस मुहैया कराती है।  

Arya.ag के को-फाउंडर चत्‍तानाथन देवराजन ने कहा, “हम एमएएस के साथ इस गठबंधन को लेकर बहुत गर्व और रोमांच का अनुभव कर रहे हैं, क्‍योंकि इससे छोटे किसानों को फायदा देने का बड़ा अवसर निर्मित होगा। फसल की कटाई के बाद डब्‍ल्‍यूआरएफ के माध्‍यम से कृषि की फाइनेंसिंग एक बड़ा और अनछूआ बाजार है, जो आकलन के मुताबिक करीब एक लाख करोड़ रूपये का है। 

एमएएस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीएमडी कमलेश गांधी ने कहा, “हमारा मानना है कि विशिष्‍ट सेगमेंट्स के साथअच्‍छी तरह से पूंजीकृत और प्रबंधित एनबीएफसी उन सिनर्जीज का निर्माण करने के लिए एक साथ आ सकते हैं, जो वित्‍तीय समावेश को प्रेरित करने का काम करें।  

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