भारत पे मची मार काट अशनीर ग्रोवर मांग रहे हैं 4 हजार करोड़ रुपए
मुंबई- भारतपे के कोफाउंडर अशनीर ग्रोवर कंपनी के इनवेस्टर्स से 4,000 करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे उन्हें कंपनी से बाहर करना चाहते हैं तो उन्हें उनकी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 4,000 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। साफ है कि फ्रॉड के आरोप, सख्त व्यवहार और कॉरपोरेट गवर्नेंस जैसे मुद्दों पर जांच के बावजूद ग्रोवर अपने रुख में बदलाव के मूड में नहीं हैं।
ग्रोवर ने सभी आरोपों से इनकार किया। कहा कि वह उसी स्थिति में कंपनी छोड़ेंगे जब एक निवेशक कंपनी की 6 अरब डॉलर की वैल्युएशन पर उनकी 9.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा। ग्रोवर ने कहा, “मैंने ऐसा क्या किया है जो इस्तीफा दूं? यह तो जांच से पहले सजा देने जैसी बात है। मैं मैनेजिंग डायरेक्टर हूं। मैं कंपनी चलाता हूं। यदि बोर्ड को लगता है कि मुझे एमडी बने रहने की जरूरत नहीं है और किसी और को कंपनी चलानी चाहिए तो मेज पर 4,000 करोड़ रुपए रखें और मुझे कंपनी से बाहर जाने दीजिए।
उन्होंने कहा, “क्या आप मुझे खरीदकर बाहर करना चाहते हैं तो उचित मार्केट वैल्यू पर खरीदिए। मेरी राय में उचित मार्केट वैल्यू 6 अरब डॉलर है। या तो मैं कंपनी चलाऊंगा या मुझे खरीदकर बाहर कीजिए, कोई तीसरा विकल्प नहीं है।
बीते साल जब भारतपे ने टाइगर ग्लोबल कोटयू और अन्य 37 करोड़ डॉलर जुटाए थे तो कंपनी की वैल्यू 3 अरब डॉलर आंकी गई थी। ग्रोवर ने कहा, “मई, 2021 में यह आकलन किया गया था, उसके बाद मेरा मर्चेंट बिजनेस 50 फीसदी बढ़ चुका है। मुझे एक बैंक लाइसेंस मिला, तब वह नहीं था। मैंने एक बीएनपीएल (Buy Now Pay Later) प्ले, पोस्टपे बनाई। हमने लाइसेंस हासिल करने के अलावा पीएमसी बैंक का भी विलय किया।
भारतपे में इनवेस्टर्स और सीईओ सुहैल समीर की अगुआई वाले बोर्ड द्वारा फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अल्वारेज एंड मार्शल और पीडब्यूसी की नियुक्ति के साथ बोर्ड लेवल पर रिश्ते खराब होते दिख रहे हैं।
जहां ग्रोवर कोटक के एक कर्मचारी के खिलाफ अभद्र भाषा के चलते हुए विवाद, भारतपे के टॉक्सिक कल्चर और सख्त व्यवहार के चलते मार्च तक छुट्टी (अबसेंस ऑफ लीव) पर चले गए थे, इस बीच उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर भी पिछले हफ्ते छुट्टी पर चली गईं।
9 जनवरी, 2022 को अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी की तरफ से कोटक महिंद्रा के एमडी और सीईओ उदय कोटक और सीनियर मैनेजमेंट को लीगल नोटिस भेजने की खबर दिए जाने से विवाद खासा बढ़ गया। उन्होंने बैंक पर ब्यूटी फर्म नायका द्वारा लॉन्च आईपीओ के लिए फाइनेंसिंग और शेयर अलाकेशन सुरक्षित नहीं करने का आरोप लगाया था।