देवास मल्टीमीडिया कांग्रेस के समय धोखाधड़ी का सौदा था- वित्तमंत्री
मुंबई- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के समय संसाधनों का सिर्फ दुरुपयोग किया गया। देवास मल्टीमीडिया का सौदा धोखाधड़ी का था। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (UPA) के समय 2011 में यह सौदा रद्द किया गया था। उस समय के टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस की थी, लेकिन उनकी ओर से इस मामले में कैबिनेट नोट तक का जिक्र नहीं किया गया।
सुप्रीमकोर्ट ने देवास मल्टीमीडिया के मामले में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के फैसले को बरकरार रखा। NCLAT ने देवास मल्टीमीडिया बंद करने को कहा था, जिसको सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी गई थी। उसी चुनौती के मामले में कोर्ट ने NCLAT के फैसले को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि इस तरह के वेबलेंथ, सेटेलाइट या स्पेक्ट्रम बैंड की बिक्री करना, इसे निजी कंपनियों को बेचकर फंड जुटाना कांग्रेस की खासियत रही है।
2005 में एंट्रिक्स और देवास के बीच यह डील हुई थी, जो देश के लोगों के साथ धोखा था। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार पर पावर का गलत इस्तेमाल करके S-बैंड स्पेक्ट्रम बेचने का आरोप लगाया। उनके मुताबिक, इस तरह का इस्तेमाल नेशनल सिक्योरिटीज के लिए किया जाता था। वित्तमंत्री ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश से पता चलता है कि कैसे यह सरकार गलत कामों में शामिल थी। एंट्रिक्स और देवास का सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ था। अब कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि उसने देश के लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी कैसे की।
साल 2005 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और देवास मल्टीमीडिया के बीच एक डील हुई थी। इसमें इसरो द्वारा देवास मल्टीमीडिया के लिए 2 सैटेलाइट लॉन्च किए जाने थे। इससे 2005 से 2010 तक काफी सवाल खड़े किए गए और बवाल भी मचा। इसी के बाद इस डील को रद्द कर दिया गया था।