बैंकों के खिलाफ एक साल में 3.4 लाख मिली शिकायतें

मुंबई- देश में एक साल में बैंकों से जुड़ी 3.4 लाख से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। बैंकिंग लोकपाल के दफ्तर को सबसे ज्यादा एटीएम, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी शिकायतें मिल रही हैं। इस मामले में सरकारी, प्राइवेट और विदेशी, सभी बैंकों की हालत करीब-करीब एक जैसी है। लेकिन बिना बताए तरह-तरह के शुल्क वसूलने के मामले में प्राइवेट बैंकों के ग्राहक ज्यादा दुखी हैं। दूसरी तरफ, मोबाइल और नेट बैंकिंग के मामले में सरकारी बैंकों के ग्राहक सबसे ज्यादा परेशान हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आंकड़े जारी किया है। एक साल में एटीएम, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी सबसे ज्यादा 49,268 शिकायतें सरकारी बैंकों के ग्राहकों ने की। इस मामले में प्राइवेट बैंकों से जुड़ी शिकायतें 37,884 रहीं। दूसरी तरफ बिना बताए तरह-तरह के शुल्क वसूलने की सबसे ज्यादा 11,577 शिकायतें प्राइवेट बैंकों के ग्राहकों ने की।

सरकारी बैंकों से जुड़ी ऐसी शिकायतें 7,789 ही रही। लेकिन मोबाइल-नेट बैंकिंग के मामले में सरकारी बैंकों के ग्राहकों ने सबसे ज्यादा 27,436 शिकायतें कीं, जबकि प्राइवेट बैंकों से जुड़ी ऐसी शिकायतें 12,647 रहीं। सबसे बड़े बैंक SBI के खिलाफ बैंकिंग लोकपाल के दफ्तर में सबसे ज्यादा 74,119 शिकायतें दर्ज कराई गईं। 24,998 शिकायतों के साथ सरकारी बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) दूसरे स्थान पर और 16,265 शिकायतों के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरे स्थान पर रहा। यहां गौर करने वाली बात है कि ज्यादा ग्राहकों वाले बैंकों की शिकायतें ज्यादा हैं। यह जरूरी नहीं है कि प्रतिशत में भी ऐसा ही हो।

प्राइवेट सेक्टर में HDFC बैंक के खिलाफ सबसे ज्यादा 34,420 शिकायतें की गईं। 28,065 शिकायतों के साथ ICICI बैंक इस मामले में दूसरे स्थान पर और 21,011 शिकायतों के साथ एक्सिस बैंक तीसरे स्थान पर रहा।

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