विज्ञापन वाली मोदी सरकार. तीन सालों में 1,700 करोड़ रुपए खर्च हुआ
मुंबई- केंद्र सरकार ने तीन सालों में विज्ञापनों पर 1,700 करोड़ रुपए खर्च कर दिया है। यह विज्ञापन अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिए गए हैं। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में 1,698.98 करोड़ रुपए खर्च किए गए। संसद में लिखित जवाब में मंत्री ने कहा कि इन विज्ञापनों का प्रमुख उद्देश्य सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करना था।
सरकार ने अखबारों में विज्ञापन के लिए 826.5 करोड़ रुपए दिए। 2020-21 में 6,085 अखबारों के लिए 118.59 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 2019-20 में 5,365 अखबारों को दिए विज्ञापन पर 200 करोड़ रुपए खर्च हुए। 2018-19 में 6,119 अखबारों में दिए गए विज्ञापन पर सबसे ज्यादा 507.9 करोड़ रुपए सरकार ने दिए। अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने काफी सारी योजनाएं और नीतियों को लागू किया है। देश में लोग दूर-दराज एरिया में रहते हैं। इस वजह से उन लोगों तक इन बातों को पहुंचाने के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ आउटडोर मीडिया का भी सहारा लिया गया।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर कुल 193.52 करोड़ रुपए पिछले तीन सालों में खर्च किए गए। इससे पहले सूचना का अधिकार (RTI) के तहत ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन ने बताया था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जून 2014 से मार्च 2018 के बीच कुल 4,343 करोड़ रुपए विज्ञापन और पब्लिसिटी पर खर्च किया था। 2016-17 में 1,263 करोड़ रुपए खर्च किए गए। प्रिंट मीडिया पर इस साल में 463.88 करोड़ के विज्ञापन दिए गए। 2015-16 में सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 613.78 करोड़ रुपए जबकि आउटडोर पब्लिसिटी पर 185.99 करोड़ रुपए का खर्च किया।
RTI के मुताबिक, जून 2014 से मार्च 2015 के बीच सरकार ने 424.85 करोड़ रुपए प्रिंट पब्लिसिटी पर खर्च किया था जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 448.97 करोड रुपए खर्च किए गए थे। आउटडोर पब्लिसिटी पर 79.72 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस तरह से कुल 934.54 करोड़ रुपए इस साल में खर्च किए गए। 2015-16 में सरकार ने 1,171.11 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें से प्रिंट मीडिया पर 510.69 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 541.99 करोड़ और आउटडोर पब्लिसिटी पर 118.43 करोड़ रुपए खर्च किए गए।