पूँजी बाज़ारों में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने वाली पाँच तकनीकें

(प्रभाकर तिवारी, चीफ ग्रोथ ऑफिसर, एंजल वन) 
मुंबई- पिछले कुछ दशकों में डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर समाज के हर तबके के लिए वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध और सुलभ बनाने के लिए विभिन्न टेक्नोलॉजी का उदय हुआ है। ठीक इसी तरह से वित्तीय समावेशन का अर्थ विभिन्न संगठनों द्वारा महज उच्च आय वाले व्यक्तियों/कॉर्पोरेट्स के लिए नहीं, बल्कि हर किसी के लिए वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयासों से है। ऐसे अवरोध और प्रतिबन्ध (जैसे कि फण्ड या ज्ञान का अभाव) हो सकते हैं जो पूँजी बाज़ारों में लोगों की सहभागिता को प्रभावित कर सकते हैं।  

छोटे उपकरणों, इन्टरनेट और ब्रोकरेज ऐप्स का क्रमिक विकास: विगत कुछ वर्षों में, विशेषकर पिछले दशक के दौरान, मोबाइल टेक्नोलॉजी ने वित्तीय समावेशन की गति तेज की है। जैसा कि पहले कहा जा चुका है, शेयर बाज़ारों में निवेशकों का भारी तांता लगा हुआ है जिसका श्रेय मोबाइल ऐप्लिकेशंस को जाता है जो चलाने में सरल और प्रभावकारी हैं। निवेशकों को शेयर बाज़ार के परिचालनों में पारदर्शिता की कमी के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हर चीज रियल-टाइम में होती है। इसके अलावा फास्ट इन्टरनेट और कार्यकुशल स्मार्टफ़ोन के उद्भव से यह हुआ है कि टेक्नोलॉजी हर किसी के लिए सुलभ हो गई है. इसलिए, पूँजी बाज़ार के बिचौलियों द्वारा अंतिम-उपभोक्ता तक पहुँचने के लिए किए गए किसी भी सुधार की प्रितिक्रिया होगी। ये ऐप्स अक्सर एकीकृत होते हैं, जिसके चलते कारोबारियों को स्टॉक्स (शेयर), डिबेंचर्स (ऋण पत्र) और डेरिवेटिव्स जैसे विविध प्रतिभूतियों में सौदा करने का अवसर मिलता है।  

बायोमेट्रिक उपकरण: पूँजी बाज़ार में ड्यू डिलिजेंस की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। सेबी, आरबीआई और शेयर बाज़ारों जैसे अनेक विनियामकों के कारण डिपाजिटरी पार्टिसिपेंट और ब्रोकरेज संगठनों के लिए यूजर्स के विवरण पर नजर रखना ज़रूरी होता है। बायोमेट्रिक उपकरणों से डिजिटल साधनों के सहारे केवाईसी संपादित करने में मदद मिलती है और कागजी कारवाई काफी कम हो जाती है। भारत के सन्दर्भ में, यूआइडीएआइ के प्रयास से कागजातों के सत्यापन और सम्पूर्ण डीमैट की प्रोसेसिंग में लगने वाला समय काफी कम हो गया है। इस प्रकार, ब्रोकरेज खाता कुछ ही मिनटों में कारोबार के लिए तैयार हो सकता है। 

डेटा एनालिटिक्स: डेटा एनालिटिक्स आंकड़ों का विश्लेषण करने और यांत्रिक प्रक्रियायों तथा अल्गोरिदम्स का प्रयोग करके तरीका पता करने का विज्ञान है। इस तरह की विधियों से प्राप्त जानकारी से समग्र निर्णय-निर्धारण में सुधार होता है। पूँजी और वित्तीय बाज़ारों के सन्दर्भ में डेटा एनालिटिक्स से ग्राहकों को सेवा देने में सुधार होता है। इससे निवेश की शैलियों की नक़ल करने और भावी कारोबारों को आसान बनाने में मदद मिल सकती है। डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग प्रक्रिया भी पहले की तुलना में अधिक त्वरित हो गई हैं। डेटा एनालिटिक्स ने पूर्वानुमेय शिक्षण को भी जन्म दिया है, जिससे ऐतिहासिक कारोबारों और बाजार संबंधी जानकारी पर आधारित निवेश की सलाह प्राप्त होती है। 

रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन: आरपीए (रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन) एक सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी है जो बॉट्स के निर्माण में मदद करती है। ये बॉट्स मानवी कारवाईयों का विश्लेषण करते हैं और डिजिटल प्रणालियों तथा प्रोग्राम्स के साथ परस्पर क्रिया के माध्यम से उनका अनुकरण करते हैं। डेटा की पहचान और निष्कर्षण (आइडेंटिफिकेशन और एक्सट्रैक्शन) जैसे अनेक कार्य इस तरह के बॉट्स के सहारे किसी मानवीय त्रुटियों की संभावना के बिना अधिक तेजी से संपन्न किये जा सकते हैं। आरपीए किसी उपक्रम के विभिन्न कार्यात्मक क्षेत्रों में स्वचालन का समावेश करने में मददगार है। चूँकि उबाऊ कार्य समाप्त हो जाते हैं, इसलिए कर्मचारियों को ज्यादा खेाजपरक बनने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, आरपीए से संगठनों की लाभकारिता और कार्यकुशलता बढ़ती है। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति है और सह-सम्बद्ध हैं। कार्यक्षेत्र के दृष्टिकोण से एआई एक अधिक व्यापक सिद्धांत है जिसका लक्ष्य कुशल मशीनों का निर्माण करना है जो मानवीय चिंतन क्षमता और व्यवहार को प्रेरित करते हैं। दूसरी ओर, मशीन लर्निंग एआई का सबसेट है जिसमें मशीनें मानवीय क्रियाओं और अन्य प्रक्रियाओं की नक़ल करती हैं, जबकि उन्हें उस उद्देश्य के लिए स्पष्ट रूप से प्रोग्राम नहीं किया गया होता है। ये दोनों टेक्नोलॉजीज यह सुनिश्चित करने में मदद करती हैं कि सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशंस अधिक सटीक हो सकें और किसी विशिष्ट प्रोग्रामिंग के बगैर पूर्वानुमानों में सुधार हो सके। 

एआई और मशीन लर्निंग के द्वारा ग्राहक सम्बन्ध प्रबंधन में जबरदस्त सुधार हुआ है। परामर्शी सेवाएं और जोखिम प्रबंधन दो अलग क्षेत्र हैं जिनमें इन दो टेक्नोलॉजीज के माध्यम से सुधार होता है। हाइब्रिड रोबोट एडवाइजर्स ज्यादा जटिल कार्यों को संपादित करने के लिए मानव वित्तीय सलाहकारों और पोर्टफोलियो प्रबंधकों के साथ व्यक्तिगत संवाद करने की क्षमता देता है। 

समावेशन का स्तर भी बढ़ेगा। 

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