ये पांच बैंक दे रहे हैं सबसे ज्यादा ब्याज, जानिए एफडी पर कितना मिल रहा
मुंबई- महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई (RBI) मई से चार बार रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है। रेपो रेट बढ़ने से लोन महंगे हो जाते हैं लेकिन एफडी के निवेशकों को फायदा होता है। इसकी वजह यह है कि रेपो रेट बढ़ने से बैंक एफडी पर ब्याज बढ़ा देते हैं।
एफडी आज भी निवेश का सबसे लोकप्रिय विकल्प है। इसकी वजह यह है कि इसमें जोखिम नहीं है और एश्योर्ड रिटर्न है। कई बैंक अब एफडी पर सात फीसदी से ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। यहां हम ऐसे बैंकों के बारे में बता रहे हैं जो एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज दे रहे हैं।
एफडी पर ब्याज दर में बढ़ोतरी से पेंशनर्स और सीनियर सिटीजंस को फायदा होगा जो इनकम के लिए इस विकल्प का सहारा लेते हैं। देश में सितंबर में खुदरा महंगाई 7.4 फीसदी रही जो इसका पांच महीने का उच्चतम स्तर है। यानी एफडी पर सात फीसदी से अधिक रिटर्न कई लोगों के लिए निवेश का आकर्षक विकल्प हो सकता है। अगर आप एफडी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह रही उन पांच बैंकों की लिस्ट जो तीन साल की एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज दे रहे हैं।
डीसीबी बैंक तीन साल की एफडी पर 7.5 फीसदी ब्याज दे रहा है। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक का भी यही रेट है। बंधन बैंक, सिटी यूनियन बैंक और करूर वैश्य बैंक तीन साल की एफडी पर सात फीसदी ब्याज दे रहे हैं। ये ब्याज दरें 10 नवंबर की हैं। यह एफडी पर निवेश करने का सही समय है। इसकी वजह यह है कि एफडी पर ब्याज के आगे और बढ़ने की संभावना है।
बैंकों ने अब तक रेपो रेट में बढ़ोतरी का फायदा पूरी तरह ग्राहकों को नहीं दिया है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में एफडी पर ब्याज और बढ़ सकता है। साथ ही आरबीआई फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। आरबीआई को महंगाई दर दो फीसदी की घटबढ़ के साथ चार फीसदी रखने का लक्ष्य मिला है। लेकिन इस साल यह लगातार छह फीसदी से ऊपर बनी हुई है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में रेपो रेट में और बढ़ोतरी की संभावना है।
मई से आरबीआई ने तीन बार इसमें 50 बेसिस पॉइंट और एक बार 40 बेसिस अंक की बढ़ोतर की है। अगर निवेशक एफडी पर ज्यादा ब्याज का फायदा उठाना चाहते हैं तो उन्हें ऑटो-रिन्यूवल ऑप्शन से परहेज करना चाहिए। अमूमन बैंक एफडी कराने वाले ग्राहकों को ऑटो-रिन्यूवल का ऑफर देते हैं। अगर ग्राहक इस विकल्प को चुनते हैं तो बैंक मैच्योरिटी के समय इसे करेंट इंटरेस्ट के साथ उसी अवधि के लिए रिन्यू कर देते हैं।
अभी की ब्याज दर पिछली ब्याज दर से ज्यादा या कम हो सकता है। अग्रवाल ने कहा कि निवेशकों को एफडी बुकिंग या रिन्यूइंग करते समय ऑटो-रिन्यूवल फैसिलिटी का विकल्प नहीं चुनना चाहिए। इससे उन्हें ज्यादा ब्याज पर एफडी रिन्यू करने का मौका मिल सकता है।