प्रोविडेंट फंड की डिपॉजिट पर इस साल मिलेगा 8.5%ब्याज, वित्त मंत्रालय ने दी मंजूरी

मुंबई-वित्त मंत्रालय ने 2020-21 के लिए प्रोविडेंट फंड डिपाजिट पर 8.5% ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को 6 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के खातों में ब्याज जमा करने का रास्ता साफ हो गया है।  

सरकार के इस फैसले को एक तरह से दिवाली गिफ्ट माना जा रहा है। एक अधिकारी के अनुसार, वित्त मंत्रालय से आज मंजूरी मिल गई है। इसे जितनी जल्दी हो सकेगा, अधिसूचित कर दिया जाएगा।  

EPFO द्वारा लाभार्थी खाते में जमा करने से पहले श्रम मंत्रालय को साल के लिए ब्याज दर को अधिसूचित करना होता है। इस कदम से EPFO को पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 300 करोड़ रुपए सरप्लस आ सकता है। पिछले साल इसके पास 1000 करोड़ रुपए का सरप्लस था। श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाले EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने इस साल मार्च में 2020-21 के लिए 8.5% की ब्याज दर को मंजूरी दी थी, जो पिछले साल जितनी थी।  

हालांकि श्रम मंत्रालय को प्रस्तावित दर पर वित्त मंत्रालय से अनिवार्य रूप से मंजूरी लेनी होती है। श्रम मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर उनके सवालों के समाधान के लिए कहा था और इस प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा था।  

वित्त मंत्रालय ने पिछले कुछ वर्षों में EPFO द्वारा घोषित उच्च ब्याज दर पर सवाल उठा चुका है। खासकर तब, जब सार्वजनिक भविष्य निधि या छोटी बचत योजनाओं सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लिए ब्याज दर काफी कम थी । EPFO ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 70,300 करोड़ रुपए का इनकम आंका था जिसमें उसके इक्विटी निवेश के एक हिस्से को बेचने से लगभग 4,000 करोड़ रुपए और डेट से 65,000 करोड़ रुपए शामिल थे। 

इसके आधार पर श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाले इसके वाले सेंट्रल बोर्ड ने वित्त वर्ष 21 के लिए 8.5% की ब्याज दर की सिफारिश की थी। EPFO ने पिछले साल इस योजना की घोषणा के बाद से रिटायरमेंट फंड से कोविड के लिए भारी राशि निकालने के बावजूद 2020-21 के लिए PF जमा पर ब्याज दर को 2019-20 के समान ही बरकरार रखा था ।  

EPFO के पास 6 करोड़ से अधिक का सक्रिय सब्सक्राइबर बेस है। हर साल वह अपने सालाना उपार्जन (annual accruals) का 15% इक्विटी और बाकी डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है। हालांकि, कोविड के प्रकोप के बाद से सैलरी वाले लाखों लोगों ने नौकरी खो दी है और अपने खर्चों को चलाने के लिए वे पैसे की निकासी कर रहे हैं। इन्हें कोविड स्कीम के तहत पैसे दिए जा रहे हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *