इंफोसिस, TCS, विप्रो और HCL 1.20 लाख फ्रेशर्स को देंगी नौकरी
मुंबई- IT सेवा देने वाली इंफोसिस, TCS, विप्रो और HCL इस वित्तवर्ष में 1.20 लाख फ्रेशर्स की भर्ती करेंगी। हालांकि पहली तिमाही की भर्ती को मिला दें तो यह आंकड़ा 1.60 लाख हो जाएगा।
दरअसल इन कंपनियों में कर्मचारियों के छोड़ कर जाने की दर काफी ज्यादा है। साथ ही नए सेक्टर से आ रही मांग को पूरा करने के लिए भी कर्मचारियों की जरूरत हो रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के दौरान 40 हजार फ्रेशर्स की भर्ती इन चारों कंपनियों ने की है। यह चारों कंपनियां IT सेक्टर में कुल 46 लाख कर्मचारियों में से एक चौथाई कर्मचारियों को नौकरी देती हैं।
इन चारों ने इस साल के पहले 6 महीने में 1.02 लाख कर्मचारियों को नौकरी दी हैं। इसमें कुछ फ्रेशर्स हैं तो कुछ अनुभवी लोग हैं। इन कंपनियों के पास पाइपलाइन में अच्छी डील है। दूसरी तिमाही में उन्होंने अच्छी डील हासिल भी की है। इसके साथ ही कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोड़ने की दर भी ज्यादा है। इंफोसिस ने तो साल में दो बार सैलरी बढ़ाई, फिर भी उसके कर्मचारी कंपनी छोड़ कर निकल गए। दूसरी तिमाही में इंफोसिस में कंपनी छोड़ने वाले कर्मचारियों की दर 20.1% थी। जून में यह दर 13.9% थी।
देश की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS ने कहा है कि इस वित्तवर्ष में वह 78 हजार लोगों की भर्ती करेगी। पहले उसने 43 हजार की भर्ती का लक्ष्य रखा था। TCS में कंपनी छोड़ कर जाने वाले कर्मचारियों की दर 11.9% रही है। पहली तिमाही में इसके 8.6% कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ी थी। विप्रो ने दूसरी तिमाही में 11,475 कर्मचारियों की भर्ती की। इसमें 8 हजार फ्रेशर्स थे। चालू वित्तवर्ष में कंपनी 16 से 17 हजार लोगों की भर्ती करने का लक्ष्य रखी है। जबकि अगले साल में 25 से 30 हजार फ्रेशर्स की भर्ती करने का लक्ष्य रखा है।
विप्रो ने कैंपस से जो भर्ती शुरू की है, उन लोगों को पांच साल की सैलरी ग्रोथ की भी प्लान दे दी है। इसका मतलब यही है कि कर्मचारी जल्दी कंपनी न छोड़ें। विप्रो में कर्मचारियों के छोड़ कर जाने की दर 20% है। कंपनी ने कहा कि यह उसकी उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोड़ने की दर कम रहे।
HCL टेक्नोलॉजी ने कहा है कि वह चालू वित्तवर्ष में 22 हजार लोगों को नौकरी देगी। उसके 15.7% कर्मचारियों ने दूसरी तिमाही में नौकरी छोड़ी जबकि पहली तिमाही में 11.8% कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी थी। इंफोसिस ने 45 हजार फ्रेशर्स को नौकरी देने का लक्ष्य इस वित्तवर्ष में रखा है। पहले इसने 35 हजार फ्रेशर्स को नौकरी देने की बात कही थी।
TCS सबसे ज्यादा फायदा कमाती है। जुलाई से सितंबर के बीच इसका फायदा 9,624 करोड़ रुपए रहा, जबकि पहली तिमाही में 9 हजार करोड़ रुपए फायदा था। इंफोसिस फायदा के लिहाज से दूसरे नंबर पर है। दूसरी तिमाही में इसका शुद्ध लाभ 5,421 करोड़ रुपए था जो पहली तिमाही में 5,195 करोड़ रुपए था। विप्रो ने 2,931 करोड़ रुपए का फायदा कमाया जबकि पहली तिमाही में इसने 3,243 करोड़ रुपए का फायदा कमाया था। HCL ने पहली तिमाही में 3,213 करोड़ रुपए का फायदा कमाया था जो दूसरी तिमाही में 3,259 करोड़ रुपए हो गया।