PMC सहित 21 बैंकों के खाताधारकों को 29 दिसंबर तक मिल सकता है पैसा
मुंबई- पंजाब एंड महाराष्ट्र को ऑपरेटिव बैंक (PMC) सहित 21 डूब चुके बैंकों के ग्राहकों को इस साल दिसंबर तक पैसा मिल सकेगा। यह पैसा डिपॉजिट पर सरकार की गारंटी के तहत मिलेगा। इसके तहत अधिकतम 5 लाख रुपए खाताधारकों को मिलेंगे।
दरअसल बैंकों में जो भी डिपॉजिट होता है, वह इंश्योरेंस के दायरे में आता है। इसका अर्थ यह है कि अगर बैंक डूब गया या दिवालिया हो गया तो खाताधारक को अधिकतम 5 लाख रुपए मिलेंगे। भले ही उसका जमा 5 लाख से ज्यादा क्यों न हो। देश में हाल के समय में PMC सहित कुल 21 सहकारी बैंक या तो डूब गए या फिर वे दिवालिया हो गए। इस वजह से इन बैंकों के सभी खाताधारक इस इंश्योरेंस के तहत पैसा पाने के हकदार होंगे।
बैंकों में जमा रकम डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) की ओर से इंश्योर्ड होती है। DICGC ने कहा कि वह बैंक की इंश्योर्ड डिपॉजिट के जमाकर्ताओं को पैसा देने की योजना बना रहा है। यह पैसा दिसंबर तक मिल सकता है। DICGC ने कहा कि कुल 21 बैंक इसके दायरे में हैं। इसमें PMC सबसे बड़ा बैंक है।
DICGC ने कहा कि जो भी जरूरी निर्देश हैं, वे बैंकों को जारी किए जा चुके हैं। बैंकों को 45 दिनों के अंदर अपने दावों को जमा कराना होगा। इसके बाद इन दावों की जांच की जाएगी। जांच के बाद बैंक को अगले 45 दिनों में पैसे दिए जाएंगे और वह पैसा खाताधारकों को मिलेगा। इसका मतलब यह है कि 29 नवंबर तक बैंक के दावों की जांच की जाएगी।
बैंक 15 अक्टूबर तक दावों की एक पूरी लिस्ट देंगे। इसके बाद 29 नवंबर तक इसे मूलधन और ब्याज के साथ अपडेट कर सकेंगे। बैंक द्वारा 29 नवंबर को फाइनल अपडेट के आधार पर अगले 30 दिनों में जमाकर्ताओं को पैसे दिए जाएंगे। यानी 29 दिसंबर तक जिन खाताधारकों के पैसे डूबे हैं, उनके पैसे मिल जाएंगे।
अगस्त 2021 में संसद में DICGC अमेंडमेंट बिल को पास किया गया था। इसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि बैंक डिपॉजिट पर इंश्योर्ड गारंटी को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाए। यह पैसा रिजर्व बैंक के मोरेटोरियम पीरियड के बाद 90 दिनों के अंदर देना चाहिए। इससे पहले बीमा की रकम 1 लाख रुपए हुआ करती थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उस समय कहा था कि डिपॉजिट पर बीमा की रकम बढ़ाए जाने से PMC सहित अन्य बैंकों के खाताधारकों को फायदा मिलेगा।
रिजर्व बैंक ने सितंबर 2019 में PMC बैंक पर मोरेटोरियम लगा दिया था। इसके साथ ही बैंक से पैसे निकाले की सीमा तय कर दी थी। इस सीमा को पहले रोजाना 1 हजार रुपए, फिर 10 हजार रुपए कर दिया था। अंत में एक खाताधारक को 1 लाख रुपए निकालने की राहत दी गई थी।

