ऑटो सेक्टर को मिली पीएलआई स्कीम से 8 शेयर्स को हो सकता है फायदा

मुंबई- ऑटो सेक्टर को 26,058 करोड़ रुपए के PLI स्कीम का फायदा मिलेगा। ऐसे में 8 ऑटो शेयर ऐसे हैं जिनपर निवेशकों को दांव लगानें की सलाह होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कल ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को मंजूरी दे दी है। 

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो इंडस्ट्री, ऑटो-कंपोनेंट्स इंडस्ट्री और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी है। इस PLI स्कीम में 26,058 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है, जिसमें ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपए और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए 120 करोड़ रुपए हैं। 

ऑटो सेक्टर के लिए PLI स्कीम वित्त वर्ष 2023 से पांच साल के लिए प्रभावी होगी और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के लिए बेस ईयर 2019-20 होगा। इस स्कीम से कुल 10 वाहन निर्माता, 50 ऑटो कंपोनेंट मेकर्स और पांच नए नॉन-ऑटोमोटिव इनवेस्टर्स को लाभ होगा। 

इस खबर के चलते तमाम ऑटो और ऑटो कम्पोनेंट कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई है। बुधवार को कारोबार में Tube Investments, Ashok Leyland, Tata Motors, Bharat Forge, Balkrishna Industries और Bajaj Auto में 1-3.6 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी। जानकारों का कहना है कि टेलीकॉम और ऑटो सेक्टर के लिए कल हुए एलान इन सेक्टरों के लिए संजीवनी का काम करेंगे। इससे ऑटो सेक्टर में नए निवेश आते दिखेंगे। ये रिफार्म दिशा में उठाया गया साहसिक कदम है। 

इक्विटी 99 के राहुल शर्माका भी कहना है कि ऑटो और ऑटो कम्पोनेंट इंडस्ट्री के लिए लाई गई ये PLI scheme इस सेक्टर में 42,500 करोड़ रुपए तक का नया निवेश ला सकती है। इसके अलावा 7.5 के करीब नए जॉब भी मिलेंगे। 

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के संतोष मीणाका कहना है कि इस स्कीम के कहत 22 ऑटो कम्पोनेंट कवर होते हैं। फ्लेक्स फ्यूल किट, हाइड्रोजन फ्यूल सेल, हाइब्रिड एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और चार्जिंग पोर्ट, ड्राइव ट्रेन, इलेक्ट्रिक वैक्यूम पंप और इलेक्ट्रिक कम्प्रेसर सहित इलेक्ट्रिक वाहनों के पुर्जों सहित कुल 22 कंपोनेंट्स को ऑटो कंपोनेंट्स PLI स्कीम का फायदा मिलेगा। इसके अलावा कंपोनेंट PLI स्कीम में सनरूफ और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल को भी जोड़ा गया है।  

पेट्रोल और डीजल इंजन कंपोनेंट्स, एग्जॉस्ट, आफ्टर ट्रीटमेंट और FIE सिस्टम और ECU, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन असेंबली और इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम भी स्कीम का हिस्सा हैं। हालांकि इस स्कीम का फायदा अब केवल इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों को मिलेगा, जबकि पेट्रोल, डीजल और CNG व्हीकल मेकर्स इस स्कीम के तहत कवर नहीं होंगे। इसका फोकस एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी पर होगा। 

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