एयरटेल राइट्स इश्यू से जुटाएगी 21 हजार करोड़ रुपए, 10 पर्सेंट सस्ते में मिलेगा शेयर
मुंबई- भारती एयरटेल 21 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी। बोर्ड ने रविवार को इसको मंजूरी दे दी। इसके लिए कंपनी राइट्स इश्यू लाएगी। इस इश्यू में निवेशकों को 10 पर्सेंट डिस्काउंट पर शेयर मिलेगा। एयरटेल का शेयर 607 रुपए पर कारोबार कर रहा था।
पिछले कुछ सालों में एयरटेल ने अलग-अलग तरीके से 9.8 अरब डॉलर की रकम जुटाई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले साल राइट्स इश्यू से 53,125 करोड़ रुपए की रकम जुटाई थी। यह देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू था। निवेशकों को राइट्स इश्यू में एप्लिकेशन के समय 25% पैसा देने की जरूरत होगी। बाकी का पैसा चुकाने के लिए कंपनी बाद में समय तय करेगी। हालांकि बाकी पैसा को 36 महीने के अंदर ही चुकाना होगा। राइट्स ऑफर के तहत शेयर धारकों को हर 14 शेयर पर एक शेयर मिलेगा। कंपनी इसे 535 रुपए पर देगी।
आज के शेयर के भाव के हिसाब से यह 10% डिस्काउंट पर मिलेगा। 16 अगस्त को यह शेयर 644 रुपए के अपने हाई पर पहुंच गया था। ज्यादातर ब्रोकरेज हाउस ने इस शेयर को 675 से 730 रुपए तक के भाव पर खरीदने की सलाह दी है। एयरटेल देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। राइट्स इश्यू का मतलब वर्तमान निवेशकों को ही शेयर बेचकर पैसा जुटाने से है। इस पैसे से कंपनी अपने कैश रिजर्व को मजबूत करेगी। साथ ही कुछ देनदारी को भी इस पैसे से चुकाएगी। कंपनी कुछ पैसे नेटवर्क को बढ़ाने और 5G के एयरवेज की नीलामी और उसके रोल आउट पर भी खर्च करेगी।
एयरटेल के प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप भी इस राइट्स इश्यू में शेयर खरीद सकते हैं। वे अपने वर्तमान शेयरों के अनुपात में शेयर खरीद पाएंगे। साथ ही वे इश्यू में किसी अनसब्सक्राइब शेयर को भी खरीद सकते हैं। कंपनी में प्रमोटर मित्तल फैमिली और सिंगापुर की सिंगटेल के पास 56% हिस्सेदारी है। मित्तल फैमिली के पास डायरेक्ट, इनडायरेक्ट 24.13% हिस्सा है। सिंगटेल के पास 31.72% हिस्सा है। बाकी शेयर आम जनता के पास है।
एयरटेल का यह दूसरा सबसे बड़ा राइट्स इश्यू है। इससे पहले कंपनी ने मई 2019 में राइट्स इश्यू से 25 हजार करोड़ रुपए जुटाई थी। एयरटेल को अगले साल जून तक कुल 13 हजार करोड़ रुपए का पेमेंट चुकाना है। इसमें स्पेक्ट्रम और अन्य पेमेंट हैं। ज्यादातर पैसे की जरूरत कंपनी को अगले साल की शुरुआत में 5G की होने वाली नीलामी के लिए होगी। कंपनी पर जून के अंत तक कुल 1.6 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था।