जोमैटो के शेयर का भाव जा सकता है 41 रुपए तक, बहुत महंगे वैल्यूएशन पर है भाव
मुंबई- यह सिर्फ और सिर्फ शेयर बाजार में ही हो सकता है कि 11 साल में 4.7 करोड़ रुपए 7,270 करोड़ रुपए बन जाए। अगस्त 2010 में इंफोएज ने 4.7 करोड़ रुपए का निवेश जोमैटो में किया था। लिस्टिंग के बाद इसी पैसे की वैल्यू 7,270 करोड़ रुपए हो गई है।
जोमैटो की लिस्टिंग के बाद आज पहला दिन है। शेयर 3% ऊपर 130 रुपए के करीब कारोबार कर रहा है। मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर है। पर क्या जोमैटो की यह तेजी की यात्रा जारी रहेगी? ऐसा नहीं है। बाजार के अधिकतर जानकार कहते हैं कि यह एक ब्रांड के भरोसे चल रहा है। इसके शेयर का सही भाव 41 से 50 रुपए के बीच है। इस तरह से यह ढाई गुना ज्यादा भाव पर कारोबार कर रहा है।
वैसे यह कोई पहली कंपनी नहीं है जिसके शेयर का भाव इस तरह से चल रहा है। बर्गर किंग जब लिस्ट हुई थी तो 3 दिन में इसके शेयर का भाव 60 रुपए से 220 रुपए हो गया था। बीच में यह 120 रुपए तक आ गया। अब 170 रुपए पर है। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी कंपनियों में अगर IPO के दौरान शेयर मिल जाते हैं तो लिस्टिंग में निकल जाने में ही भलाई है। उनका कहना है कि निवेशकों को इस शेयर में से निकल जाना चाहिए।
लिस्टिंग के दिन 138 रुपए तक पहुंचा शेयर बाद में 10% की गिरावट के साथ बंद हुआ। हालांकि यह आज तेजी में है। दरअसल इसके वैल्यूएशन महंगे होने का मतलब यह है कि यह घाटा वाली कंपनी है। हालांकि इसके IPO में हर कोई निवेश करना चाहता था। लेकिन लोगों को शेयर नहीं मिल पाए। यहां तक की फंड हाउसों को भी उतने शेयर नहीं मिले, जितना वे चाहते थे।
कुल 186 फंड हाउसों को 4,196 करोड़ रुपए के शेयर मिले। इसमें से 19 घरेलू फंड हाउसों की 74 स्कीम को शेयर मिले। इन स्कीम्स को कुल 1,399 करोड़ रुपए के शेयर मिले। इन सभी ने 76 रुपए के भाव पर शेयर खरीदा और अब निवेश की यह रकम 50% बढ़ गई है।
जोमैटो में सबसे ज्यादा फायदा इंफो एज को हुआ। इसकी हिस्सेदारी 18.4% है। इसने अगस्त 2010 में 4.7 करोड़ रुपए जोमैटो में लगाया था। अब इसका वैल्यूएशन 7,270 करोड रुपए हो गया है। इसने दिसंबर 2020 में भी 4,950 करोड़ रुपए निवेश किया था। उस समय जोमैटो का वैल्यूएशन 30 हजार करोड़ रुपए आंका गया था। इंफोएज ने जोमैटो में 750 करोड़ रुपए के शेयर IPO के दौरान बेचा है।
जोमैटो के ऐसे 18 कर्मचारी रहे हैं जो इस IPO की वजह से मिलिनेयर्स यानी करोड़पति बन गए हैं। इन सभी को इसॉप्स यानी इंप्लॉयीज स्टॉक ऑप्शन के तहत शेयर दिए गए थे। इसके फाउंडर दिपिंदर गोयल के शेयरों की वैल्यू इस समय 4,650 करोड़ रुपए है। गुंजन पाटीदार के शेयरों की वैल्यू 363 करोड़ रुपए, मोहित गुप्ता के शेयरों की वैल्यू 195 करोड़, सुरोभी दास के शेयरों की वैल्यू 169 करोड़ रुपए है। गौरव गुप्ता को जो शेयर मिले थे, उसकी वैल्यू 179 करो़ड़, आकृति चोपड़ा के शेयरों की वैल्यू 140 करोड़ रुपए है।
इसके अलावा अक्षंत गोयल, अंकित क्वात्रा, राहुल गंजू, चैतन्य माथुर, मंजूनाथ, अजित पासी, कुनाल स्वरूप, प्रशांत मलिक, अलंकृत निषाद, दामिनी भल्ला और सिद्धार्थ झवर शामिल हैं।
दरअसल कर्मचारियों को मिलने वाले इसॉप्स में हमेशा उनको फायदा होता है। लंबे समय में वे करो़ड़पति और अरबपति बन जाते हैं। देश में सबसे लंबे समय तक एक ही बैंक के एमडी और सीईओ रहे आदित्य पुरी पिछले साल जब रिटायर हुए थे, तब जुलाई 2020 में उन्होंने अपने शेयरों को बेच दिया था। उस समय उनके शेयरों के बदले में 843 करोड़ रुपए मिले थे। हालांकि वे अगर इसी शेयर को अब बेचते तो उन्हें 1400 करोड़ रुपए मिलते थे। क्योंकि एक साल में एचडीएफसी बैंक का शेयर दोगुना के करीब बढ़ गया है। एचडीएफसी बैंक के एमडी के रूप में वे 75 साल की उम्र में रिटायर हुए थे।
जोमैटो में IPO से पहले इंफोएज, एंट ग्रुप, उबर, सिकोइया, टाइगर ग्लोबल, कोरा ने निवेश किया था। अगर आज 125 रुपए के भाव पर इन सभी की वैल्यू देखें तो इंफोएज के निवेश की कुल वैल्यू 15,974 करोड़ रुपए है। 76 रुपए के IPO के भाव पर यह वैल्यू 10,414 करोड़ रुपए था। एंट ग्रुप की हिस्सेदारी का वैल्यू 76 रुपए पर 10,620 करोड़ था जो अब 16,290 करोड़ रुपए हो गया है। उबर का वैल्यू 5,795 करोड़ रुपए से बढ़कर 8,885 करोड़ रुपए जबकि सिकोइया का 4,698 करोड़ से बढ़ कर 7,207 करोड़ रुपए हो गया है। टाइगर ग्लोबल और कोरा का 3,218 करोड़ का निवेश 5-5 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
इंफोएज के संजीव बिखचंदानी ने लिस्टिंग के दिन इस बात को सोशल मीडिया पर डाला और उन्होंने बाकायदा इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और अमिताभ कांत तक को टैग कर दिया। इंफोएज की कुल 18.4% हिस्सेदारी थी और यह IPO मेँ घट कर 15.23% पर आ गई है। एंट ग्रुप दूसरा सबसे बड़ा निवेशक है जिसके पास 16.5% हिस्सेदारी है। टाइगर ग्लोबल ने 11 महीने पहले जोमैटो में 1,885 करोड़ रुपए लगाया था। यह रकम अब 5 हजार करोड़ रुपए हो गई है। कोरा ने पिछले साल निवेश किया था। इसकी वैल्यू 4,900 करोड़ रुपए है। सिकोइया ने 2013 में 300 करोड़ रुपए का निवेश किया था। यह रकम अब 7,448 करोड़ रुपए हो गई है।