दुनिया में सबसे ज्यादा रिटर्न इस भारतीय शेयर का, 149 दिनों से अपर सर्किट में

मुंबई- भारत की एक छोटी सी कंपनी ने शेयर मार्केट में धूम मचा दिया है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली अब यह कंपनी बन गई है। लगातार 149 दिनों से इस शेयर में अपर सर्किट लग रहा है। RRP Semiconductor Ltd. नाम की इस कंपनी का हाल तक लोगों ने नाम भी नहीं सुना था। लेकिन पिछले 20 महीनों में इसके शेयरों में 55,000% से भी ज्यादा उछाल आई है। इसके ताजा वित्तीय आंकड़े बताते हैं कि कंपनी को घाटा हो रहा था। यही कारण है कि एआई शेयरों को लेकर एक बार फिर आशंका बढ़ने लगी है।

कंपनी ने बताया था कि उसके पास सिर्फ दो ही फुल-टाइम कर्मचारी हैं और उसने अभी तक सेमीकंडक्टर  (चिप) बनाने का काम शुरू ही नहीं किया है। RRP का चिप बनाने वाले सेक्टर से जुड़ाव सिर्फ इस वजह से था क्योंकि उसने 2024 की शुरुआत में रियल एस्टेट का काम छोड़कर इस ओर कदम बढ़ाने का फैसला किया था। ऑनलाइन चर्चाओं, बहुत कम उपलब्ध शेयरों और रिटेल निवेशकों की बढ़ती संख्या ने मिलकर इस शेयर को आसमान पर पहुंचा दिया। 

यह सब तब हुआ जब शेयर बाजार के नियामक और खुद कंपनी ने भी बार-बार निवेशकों को सावधान रहने की सलाह दी थी। अब सेबी ने RRP के शेयर की कीमतों में हुई इस अचानक बढ़ोतरी की जांच शुरू कर दी है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी का पता लगाया जा सके। एक्सचेंज ने अब कंपनी को हफ्ते में एक दिन ट्रेड करने को कहा है। 7 नवंबर को अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद से यह शेयर लगभग 6% गिर चुका है।

दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर चल रहे क्रेज के बीच रिटेल निवेशक किसी भी ऐसे शेयर से जुड़ना चाहते हैं जो चिप बनाने वाले सेक्टर से जुड़ा हुआ लगे। खासकर भारत में, जहां घरेलू स्तर पर सेमीकंडक्टर बनाने वाली ज्यादा कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं हैं। इस उत्साह के बीच यह बात नजरअंदाज कर दी गई कि RRP के कितने शेयर वास्तव में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं। कंपनी के लगभग 98% शेयर सिर्फ एक व्यक्ति, राजेंद्र चोडणकर और उनके कुछ साथियों के पास हैं। कंपनी के दस्तावेज बताते हैं कि इनमें से कई लोग RRP से जुड़ी दूसरी कंपनियों जैसे RRP Defense, Indian Link Chain Manufacturers, RRP Electronics और RRP S4E Innovation में भी जुड़े हुए हैं। अक्टूबर में एक्सचेंज ने फिर से निवेशकों को चेतावनी दी। यह तब हुआ जब लगभग एक साल पहले ही इस शेयर को अपनी सबसे कड़ी निगरानी में रखा गया था।

मार्केट रेगुलेटर ने बताया था कि कंपनी को शेयर बाजार में कारोबार करने से रोका गया है क्योंकि यह श्री विंध्य पेपर मिल्स के फाउंडर ग्रुप का हिस्सा थी। इस कंपनी को 2017 में नियमों का पालन न करने के कारण डीलिस्ट कर दिया गया था जिसके बाद 10 साल का प्रतिबंध लगा था।

जैसे ही यह शेयर अप्रैल 2024 में लगभग 20 रुपये से तेजी से ऊपर जाने लगा, चोडणकर ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) ने भी इस्तीफा दे दिया था, लेकिन बाद में कंपनी सेक्रेटरी के तौर पर वापस आ गए। RRP ने एक सोशल-मीडिया इन्फ्लुएंसर के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। यह शिकायत कंपनी को सचिन तेंदुलकर और चिप बनाने के लिए सरकारी जमीन से जोड़ने वाली कथित अफवाहों के बारे में थी।

3 नवंबर को कंपनी ने एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा कि उसने सेमीकंडक्टर बनाने का कोई काम शुरू नहीं किया है। उसने यह भी बताया कि उसने किसी भी सरकारी प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन नहीं किया है और किसी भी सेलिब्रिटी से जुड़ाव से इनकार किया है। सितंबर तिमाही में कंपनी को 7.15 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।

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