चीनी उत्पादन नवंबर में 28 फीसदी बढ़कर 77.90 लाख टन, कीमत बढ़ाने की भी मांग

मुंबई- चीनी उत्पादन इस सीजन में 28.33 फीसदी बढ़कर 77.90 लाख टन तक पहुंच गया है। हालांकि, सहकारी मिल संघ सरकार से न्यूनतम विक्रय मूल्य बढ़ाने का आग्रह कर रहा है और चेतावनी दे रहा है कि गिरते बाजार भाव और बढ़ती लागत किसानों के भुगतान को खतरे में डाल रही है।

राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) ने कहा, मजबूत उत्पादन के बावजूद सीजन की शुरुआत से ही चीनी के एक्स-मिल भाव में लगभग 2,300 रुपये प्रति टन की गिरावट आई है। अब यह लगभग 37,700 रुपये प्रति टन के आसपास है। 15 दिसंबर तक 479 कार्यरत चीनी मिलों ने 77.90 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। एक साल पहले 473 मिलों ने 60.70 लाख टन उत्पादन किया था।

फेडरेशन ने कहा, गन्ने की पेराई 25.6 फीसदी बढ़कर 900.75 लाख टन तक पहुंच गई है। महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन दोगुने से अधिक बढ़कर 31.30 लाख टन हो गया। उत्तर प्रदेश में उत्पादन 22.95 लाख टन से बढ़कर 25.05 लाख टन हो गया। कर्नाटक का उत्पादन 15.50 लाख टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष इसी सीजन में 13.50 लाख टन था। फेडरेशन ने सरकार से न्यूनतम विक्रय मूल्य बढ़ाकर 41 रुपये प्रति किलोग्राम करने और अतिरिक्त 5 लाख टन चीनी को इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग की अनुमति देने की मांग की है। इससे अनुमान है कि लगभग 20 अरब रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

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