त्योहारों का असर, नवंबर में दो लाख करोड़ हो सकता है जीएसटी कलेक्शन

मुंबई- त्योहारी मौसम के चलते देश की अर्थव्यवस्था में अच्छा उछाल दिख सकता है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर में वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन दो लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है। इसी के साथ, दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8 फीसदी तक रह सकती है। जीएसटी का आंकड़ा एक दिसंबर को और जीडीपी का 28 नवंबर को जारी किया जाएगा।

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, निवेश गतिविधियों में तेजी, ग्रामीण उपभोग में सुधार और सेवाओं व विनिर्माण में तेजी से विकास को समर्थन मिल रहा है। इसे जीएसटी को आसान करने और दरों को घटाने जैसे सुधारों से बल मिल रहा है। इससे त्योहारी भावना को भी बढ़ावा मिला है। त्योहारों में भारी बिक्री का सबसे ज्यादा असर कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में उपभोग और मांग पर दिखा है। 50 प्रमुख संकेतकों के अध्ययन से पता चला है कि ये पहली तिमाही के 70 फीसदी से बढ़कर दूसरी तिमाही में 83 फीसदी पर पहुंच गए हैं। इसका सीधा असर दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि पर दिखेगा। यह वृद्धि दर चौंकाने वाली भी हो सकती है।

अक्तूबर में फाइल किए गए जीएसटी रिटर्न का असर नवंबर के कलेक्शन में दिखता है। इस आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है, जीएसटी संग्रह 6.8 फीसदी बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। 51,000 करोड़ के आईजीएसटी और आयात पर उपकर के साथ यह संग्रह दो लाख करोड़ हो सकता है।

क्रेडिट कार्ड से सबसे ज्यादा खरीद ऑटो, किराना और इलेक्ट्रॉनिक की
क्रेडिट कार्ड में ऑटो, किराना स्टोर, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्निशिंग और ट्रैवल जैसी श्रेणियों में ई-कॉमर्स चैनल में भारी वृद्धि हुई है। यहां 38 फीसदी खर्च यूटिलिटी और सेवाओं पर किए गए। सुपरमार्केट और किराना पर 17 फीसदी और ट्रैवल पर 9 फीसदी खर्च किए गए। मध्यस्तरीय शहरों में सबसे ज्यादा खरीदी बढ़ी है। जीएसटी सुधारों के साथ डेबिट कार्ड खर्च में भी सितंबर व अक्तूबर के दौरान प्रमुख राज्यों में भारी वृद्धि देखी गई।

डेबिट कार्ड से खर्च में महानगरों ने मारी बाजी
डेबिट कार्ड के जरिये ई-कॉमर्स से खर्च सितंबर-अक्तूबर में महानगरों में सबसे अधिक 8% व शहरों में 7 फीसदी की तेजी रही। कुल खरीदारी में शीर्ष-5 वस्तुओं का 70 फीसदी हिस्सा रहा। प्रमुख रूप से किराना और सुपरमार्केट के साथ डिपार्टमेंटल स्टोर रहे। कपड़ा क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों के उपभोग में मजबूती देखी गई है। जीएसटी दर में कमी से एक उपभोक्ता खपत पर प्रति माह औसतन 7 फीसदी की बचत कर सकता है।

गांवों में कारों की बिक्री में ज्यादा तेजी
कार बिक्री में 19 फीसदी की तेजी। अधिकतम वृद्धि ग्रामीण क्षेत्रों से आई। बिकने वाली 39 फीसदी कारें 10 लाख से अधिक की थीं। ई-कॉमर्स साइटों पर त्योहारों में बेची गई वस्तुओं का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) 1.24 लाख करोड़ रुपये रहा। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणों की सबसे अधिक मांग रही। सालाना आधार पर 35 से 43 फीसदी बढ़ी।

मोबाइल की बिक्री 26 फीसदी बढ़ी
मोबाइल की बिक्री 26%, जीवनशैली उत्पाद 22% और सौंदर्य एवं व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद की बिक्री 21 फीसदी बढ़ी है। शामिल हैं। दिलचस्प यह है कि विभिन्न प्लेटफार्मों पर खरीदी करने वालों में गैर-मेट्रो शहर आगे रहे।

जीएसटी : इनमें तेजी- उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र
इनमें आएगी कमी : हिमाचल प्रदेश, असम, प.बंगाल, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश

23 सितंबर को क्रेडिट कार्ड से लेनदेन 6,400 करोड़ रुपये रहा। औसतन रोजाना 70 लाख लेनदेन के साथ 4,200 करोड़ रुपये रहता है। 21 अक्तूबर को क्रेडिट कार्ड से 1.23 करोड़ लेनदेन हुए और मूल्य 7,328 करोड़ रुपये रहा।

  1. जीएसटी घटने से मासिक बचत गांवों में प्रति व्यक्ति 4,122 रुपये, शहरों में यह 6,996 रुपये पर पहुंची
  2. शीर्ष-15 मर्चेंट कैटेगरी में यूपीआई से सितंबर-अक्तूबर में कुल 1,367 करोड़ लेनदेन के जरिये 5.23 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन
  3. डेबिट कार्ड से खरीदी में प्रमुख राज्यों में हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और उत्तराखंड
  4. 42 दिन के त्योहारी सीजन में हर 2 सेकंड में एक कार बिकी, हर सेकंड में 3 दोपहिया वाहन बिके।

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