भारत में करोड़पति परिवारों की संख्या 8.71 लाख पार, 2021 से 90% बढ़ी
मुंबई। भारत में संपत्ति सृजन और समृद्धि में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। करोड़पति परिवारों (संपत्ति 8.5 करोड़ रुपये से अधिक) की संख्या 2021 में 4.58 लाख से बढ़कर 2025 में 8.71 लाख हो गई है। मर्सिडीज-बेंज हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई 1.42 लाख करोड़पति परिवारों के साथ देश की करोड़पति राजधानी है, इसके बाद दिल्ली (68,200) और बंगलूरू (31,600) का स्थान है।
रिपोर्ट के अनुसार, मर्सिडीज-बेंज की बिक्री, नए अरबपतियों के प्रवेश, सेंसेक्स का प्रदर्शन और जीडीपी के संयुक्त संकेतक (MBHX) लगभग 200 प्रतिशत बढ़ा है। यह दर्शाता है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत में संपत्ति सृजन मजबूत और निरंतर है।
करोड़पतियों की निवेश और खर्च प्रवृत्ति
- डिजिटल भुगतान की ओर झुकाव: करोड़पति UPI के माध्यम से 35% लग्जरी लेनदेन करते हैं, जबकि कार्ड और नकदी पिछड़ गए हैं।
- पसंदीदा ब्रांड: रोलेक्स, तनिष्क, एमिरेट्स और HDFC बैंक।
- शीर्ष निवेश विकल्प: शेयर, रियल एस्टेट और सोना।
- निवेश प्रवृत्ति: 29% सक्रिय निवेशक, 17% जोखिम लेने वाले और 31% सतर्क निवेशक।
- विदेशी निवेश में प्राथमिकता: अमेरिका, इसके बाद UAE।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 83 प्रतिशत उत्तरदाता अगले तीन वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं। देश में कुल करोड़पति परिवारों की संपत्ति 8.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो कुल परिवारों का 0.31% है।
राज्यवार स्थिति और वृद्धि
- महाराष्ट्र शीर्ष पर: 1.78 लाख करोड़पति परिवार, मुंबई में 1,42,000 परिवार।
- दिल्ली और तमिलनाडु में भी तेज वृद्धि।
- शीर्ष 10 राज्यों में देश के 79 प्रतिशत करोड़पति निवास करते हैं।
- बंगलूरू में पिछले एक दशक में 120% की वृद्धि।
खर्च और वित्तीय दृष्टिकोण
- 27% परिवारों के अनुसार 50 करोड़ रुपये वित्तीय आजादी के लिए पर्याप्त हैं।
- 25% ने 10 करोड़ और 20% ने 200 करोड़ रुपये को पर्याप्त माना।
- लगभग 60% परिवार सालाना 1 करोड़ रुपये से कम खर्च करते हैं, ज्यादातर पर्यटन, शिक्षा और मनोरंजन पर।
यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि भारत में संपत्ति और समृद्धि का निर्माण तेज़ी से हो रहा है, डिजिटल भुगतान और निवेश प्रवृत्ति में बदलाव इसके मजबूत संकेत हैं।