मंदी का असर, टीसीएस इस साल 12,000 से अधिक की करेगी छंटनी
शीर्ष छह आईटी कंपनियों ने जून तिमाही में दीं केवल 3,847 नौकरियां
मुंबई- देश की सबसे बड़ी आईटी निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने लगभग दो फीसदी या मोटे तौर पर 12,000 से अधिक कर्मचारियों को इस वर्ष नौकरी से निकालेगी। व्यापक अनिश्चितताएं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रौद्योगिकी व्यवधानों के कारण व्यावसायिक मांग पर असर पड़ रहा है। जून के अंत तक कंपनी में 6.13 लाख कर्मचारी थे।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, टीसीएस भविष्य के लिए तैयार संगठन बनने की राह पर है। इसके तहत हम कंपनी से उन सहयोगियों को भी हटाएंगे जिनकी तैनाती संभव नहीं हो सकती। इसका असर हमारे वैश्विक कार्यबल के लगभग दो फीसदी पर पड़ेगा। इनमें मध्यम और वरिष्ठ कर्मचारी ज्यादा प्रभावित होंगे।
अधिकारी ने कहा, इस बदलाव की योजना पूरी सावधानी से बनाई जा रही है। इससे यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई असर न पड़े। यह हमारे सहयोगियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है, जिनके प्रभावित होने की संभावना है। हम नए अवसरों की ओर बढ़ने के दौरान उन्हें उचित लाभ, आउटप्लेसमेंट, सलाह और सहायता देने का हर संभव प्रयास करेंगे।
प्रभावित कर्मचारियों को उनके नोटिस अवधि के लिए भुगतान के साथ एक अतिरिक्त पैकेज भी मिलेगा। टीसीएस प्रभावित कर्मचारियों के लिए बीमा लाभ बढ़ाने और उन्हें आउटप्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने पर भी विचार करेगी। छंटनी का यह निर्णय कई कर्मचारियों की ओर से कंपनी की हाल ही में संशोधित कर्मचारी बेंच नीति के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज कराने के कुछ दिनों बाद आया है। इसके तहत कर्मचारियों को किसी परियोजना पर तैनात किए बिना वर्ष में केवल 35 दिन काम करने की मंजूरी दी जाती है।
वैश्विक स्तर पर मंदी का असर घरेलू सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी कंपनियों पर जमकर दिख रहा है। इसका असर यह हुआ कि जून तिमाही में शीर्ष छह आईटी कंपनियों ने केवल 3,847 लोगों की भर्ती की है। यह मार्च तिमाही में 13,935 लोगों की भर्तियों की तुलना में 72 फीसदी कम है। हालांकि, इन कंपनियों का मुनाफा घटने के बजाय मामूली रूप से बढ़ा ही है।
विभिन्न कंपनियों की जून तिमाही की रिपोर्ट से पता चलता है कि केवल दो कंपनियां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस ने जून तिमाही में कर्मचारियों की संख्या में क्रमशः 5,060 और 210 की वृद्धि दर्ज की। शेष चार एचसीएलटेक, विप्रो, टेक महिंद्रा और एलटीआईमाइंडट्री ने 1,423 लोगों की छंटनी कर दी। इस तरह से शुद्ध रूप से केवल 3,847 लोगों की ही नौकरी मिली।
विश्लेषकों का कहना है कि आईटी कंपनियों में भर्ती अब कौशल आधारित रहेगी। एलटीआईमाइंडट्री के प्रमुख वेणुगोपाल लाम्बू ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजों के बाद कहा, पिछली कुछ तिमाहियों में जब हमने राजस्व बढ़ाया, तो कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी। इस साल जनवरी से जून में पिछले तीन वर्षों में पहली बार कर्मचारियों की संख्या में शुद्ध रूप से बढ़त देखी गई है।