पर्सनल लोन अप्रैल-मई में 1,376 अरब, जून तिमाही में 2,200 अरब होगा
मुंबई- अप्रैल-मई 2025 में पर्सनल लोन वितरण 1,376 अरब रुपये था। जून तिमाही में यह 2,200 अरब और सितंबर तिमाही में 2,300 अरब रुपये से अधिक हो जाएगा। यह पिछली तीन जून तिमाहियों में 1,342 से 1,852 अरब था। रेपो दर में कटौती का लाभ खुदरा ऋणों तक तेजी से पहुंचेगा। इससे पर्सनल लोन की मांग में वृद्धि की उम्मीद है।
पर्सनल लोन की मांग को होम लोन तथा सोने और आभूषणों के बदले कर्ज से मजबूत समर्थन मिलेगा। मई में सोने और आभूषणों के बदले ऋण की मांग बढ़कर रिकॉर्ड 283 अरब हो गई। यह उछाल संभवतः अप्रैल में सोने की कीमतों में सात प्रतिशत की वृद्धि से हुई। अगली तिमाही में भी ऐसे ऋणों की मजबूत मांग बने रहने की संभावना है।
पर्सनल लोन में सबसे बड़ा हिस्सा होम लोन का है। अप्रैल-मई, 2025 में होम लोन 536 अरब था। जून तिमाही में यह 890 अरब रुपये होगा। सितंबर तिमाही में होम लोन 1,000 अरब रुपये से अधिक हो सकता है, जो पिछली तीन सितंबर तिमाहियों में 531 से 678 अरब रुपये था।
जून तिमाही में बैंकों का गैर खाद्य ऋण 2.6 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। यह पिछली तीन जून तिमाहियों के 4.7 से 7 लाख करोड़ रुपये से कम है। हालांकि, सितंबर तिमाही में फिर बढ़कर 4.2 लाख करोड़ से अधिक होगा। अप्रैल-मई में सेवा क्षेत्र का कर्ज 758 अरब रुपये घट गया है।