देश की आर्थिक स्थितियों के बेहतर होने से निचले तबके की कमाई में तेज सुधार

मुंबई- आर्थिक स्थितियों में बेहतरी से निचले व मध्यम वर्ग की कमाई में सुधार आ रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी यानी सीएमआईई के मुताबिक, सालाना एक लाख से 5 लाख रुपये कमाने वालों की आय में तेजी से वृद्धि हुई है। हालांकि, पांच से 10 लाख कमाने वालों की आय में कम वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सालाना एक लाख कमाने वाले ग्राहक धारणा सूचकांक (आईसीएस) जून तिमाही में 5.3 फीसदी बढ़ा है। एक से दो लाख कमाने वाले परिवारों का सूचकांक 2.3 फीसदी बढ़ा है। मध्य वर्ग यानी दो से पांच लाख कमाने वाले परिवारों के सूचकांक में 1.5 फीसदी व 5 से 10 लाख कमाने वालों के सूचकांक में 0.3 फीसदी तेजी आई है।

आय समूहों में उपभोक्ता भावनाएं बेहतर हो रही हैं, लेकिन गैर जरूरी खर्च यानी जो इच्छा से किए जाते हैं उनकी धारणा में कमी आई है। जो लोग 10 लाख भी कमा रहे हैं, उनमें भी यही रुझान देखा गया। मध्यम वर्ग में निराशा में मामूली वृद्धि हुई है।

जून, 2025 में आईसीएस दो प्रतिशत तक बढ़ा। आईसीएस के रुझान से पता चलता है कि उपभोग खर्च में वृद्धि हो सकती है। परिवार अपनी मौजूदा आर्थिक स्थितियों के बारे में तेजी से आशावादी हो गए हैं। ग्रामीण और शहरी भारत दोनों की धारणाओं में तेजी देखी गई है।

एक साल पहले की तुलना में वित्तीय रूप से बेहतर महसूस करने वाले परिवारों का अनुपात जून तिमाही में बढ़कर 37.6 प्रतिशत हो गया, जबकि पिछली तीन तिमाहियों में यह औसत 34.5 प्रतिशत रहा था। जो लोग मानते हैं कि वे बदतर स्थिति में हैं, उनका हिस्सा 1.9 प्रतिशत घटकर 9.3 प्रतिशत रह गया।

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