आधार सक्षम भुगतान प्रणाली में एईपीएस टचपाइंट ऑपरेटर की मजबूत करनी होगी सुरक्षा

मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने बैंकों को आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) टचपॉइंट का प्रबंधन करने वाले ऑपरेटरों को सुरक्षा मजबूत करने का निर्देश दिया है। हालांकि, किसी भी ऑपरेटर को शामिल करने से पहले उनकी उचित जांच पड़ताल करनी होगी। यह निर्देश एक जनवरी से लागू होगा।

आरबीआई ने कहा, यदि ऑपरेटर की बिजनेस करेस्पांडेंट या उप एजेंट के रूप में पहले ही जांच पड़ताल की गई है तो उसकी जांच जरूरी नहीं है। ऐसे मामलों में जहां ऑपरेटर लगातार तीन महीने तक निष्क्रिय रहता है, बैंकों को उसे आगे लेनदेन करने की अनुमति देने से पहले उसका फिर से केवाईसी करना होगा।

हाल के दिनों में ग्राहकों के डाटा के साथ समझौता होने के कारण एईपीएस के जरिये धोखाधड़ी की खबरें आई हैं। बैंक ग्राहकों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचाने के लिए और सिस्टम की सुरक्षा में भरोसा और विश्वास बनाए रखने के लिए एईपीएस की मजबूती को बढ़ाया जा रहा है।

निर्देशों में जोखिम प्रबंधन के उपाय भी शामिल हैं, जिनमें अधिग्रहणकर्ता बैंक को अपने लेनदेन निगरानी प्रणालियों के माध्यम से ऑपरेटर की गतिविधियों की निरंतर निगरानी करने और व्यावसायिक जोखिम प्रोफाइल के आधार पर परिचालन मापदंड निर्धारित करना होगा।

एईपीएस एक भुगतान प्रणाली है जो किसी व्यक्ति के आधार नंबर और बायोमेट्रिक या OTP (वन-टाइम पासवर्ड) प्रमाणीकरण का उपयोग करके लेनदेन को सक्षम बनाती है। यह नकद निकासी, बैलेंस पूछताछ, मिनी स्टेटमेंट, नकद जमा और फंड ट्रांसफर जैसी बुनियादी बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच की अनुमति देता है।

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