ई-इनवॉइस अपनाने में भारतीय कंपनियां सबसे आगे, लागत में हो रही बचत
मुंबई- अमेरिका और ब्रिटेन सहित छह देशों में सर्वेक्षण किए गए व्यवसायों के बीच ई-इनवॉइस अपनाने और बाजार में पैठ बनाने में भारतीय कंपनियां सबसे आगे हैं। इन प्रमुख बाजारों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, भारत और ऑस्ट्रेलिया में 1,720 व्यवसायों के बीच अध्ययन किया गया। भारतीय कंपनियां 80 प्रतिशत से अधिक चालान इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करती हैं जो वैश्विक औसत 71.5 प्रतिशत से अधिक है। 70 फीसदी से अधिक बिल इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी होते हैं।
अवलारा और सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) के मुताबिक, भारतीय फर्मों द्वारा ई-इनवॉइसिंग को पूरी तरह अपनाने से वार्षिक आर्थिक मूल्य में लगभग 32,035 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है। साथ ही,उत्पादकता में वृद्धि, धोखाधड़ी में कमी और तेज भुगतान के कारण औसत भारतीय व्यवसाय को सालाना 1.09 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। ई-इनवॉइसिंग अपनाने वाला औसत भारतीय व्यवसाय प्रति सप्ताह 3,827 चालान पूरा करता है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है।