स्मार्ट सिटी मिशन पर अब तक खर्च हुए 1.64 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा
मुंबई- स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 10 साल में 1.64 लाख करोड़ रुपये खर्च कर 100 शहरों में अब तक 8,000 से ज्यादा मल्टी-सेक्टोरल प्रोजेक्ट्स पर काम हुआ है। इसमें से 90% काम पूरा कर लिया गया है। इससे न सिर्फ शहरों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार आया है बल्कि समाज पर भी सकारात्मक असर पड़ा है।
एसबीआई की रिपोर्ट बताती है कि स्मार्ट सिटी मिशन ने शहरों को साफ हवा दी है और क्राइम भी घटा है। देशभर के 100 शहरों में अब तक 8,000 से ज्यादा मल्टी-सेक्टोरल प्रोजेक्ट्स पर काम हुआ, जिनकी लागत लगभग ₹1.64 लाख करोड़ है। इन प्रोजेक्ट्स में से 90% से ज्यादा (₹1.50 लाख करोड़ की लागत वाले 7,504 प्रोजेक्ट्स) को पूरा कर लिया गया है।
अब तक 100 शहरों पर खर्च किए गए कुल ₹1.64 लाख करोड़ में से 92% राशि सिर्फ 21 प्रमुख राज्यों में खर्च की गई है। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र टॉप 3 राज्य हैं, जिन्होंने कुल खर्च का एक-तिहाई हिस्सा उपयोग किया है। पूरी परियोजना लागत का लगभग 50% हिस्सा केवल दो क्षेत्रों—मोबिलिटी और जल/स्वच्छता पर खर्च हुआ है, जिनमें 3,000 से ज्यादा परियोजनाएं शामिल हैं।
जिन राज्यों ने फंड्स का 80% से ज्यादा उपयोग किया, वहां अपराध दर (crime rates) में 27% की गिरावट देखी गई। वहीं, स्मार्ट शहरों में वायु गुणवत्ता (air quality) में 23% सुधार दर्ज किया गया है, जो गैर-स्मार्ट शहरों की तुलना में काफी बेहतर है। ये आंकड़े 2018 से 2024 की छह साल की अवधि को कवर करते हैं।