भारत के शाही इतिहास का शानदार नगीना जिनेवा में जल्द किया जाएगा नीलाम
मुंबई- भारत के शाही इतिहास का एक शानदार नगीना जल्द ही नीलाम होने वाला है। इस हीरे का नाम ‘द गोलकोंडा ब्लू’ है। यह एक दुर्लभ ब्लू डायमंड है। पहले यह इंदौर और बड़ौदा के महाराजाओं के पास था। अब यह हीरा 14 मई को जेनेवा में क्रिस्टीज के ‘मैग्निफिसेंट ज्वेल्स’ ऑक्शन में नीलाम होगा।
यह ब्लू डायमंड 23.24 कैरेट का है। इसे पेरिस के मशहूर जौहरी JAR ने एक खूबसूरत अंगूठी में जड़ा है। उम्मीद है कि इस हीरे की कीमत करीब 300 से 430 करोड़ रुपये है। क्रिस्टीज कंपनी 259 साल पुरानी है। इस कंपनी ने पहले भी कई मशहूर गोलकोंडा हीरे नीलाम किए हैं। इनमें आर्कड्यूक जोसेफ, प्रिंसि और विटल्सबाख जैसे हीरे शामिल हैं।
क्रिस्टीज के ज्वेलरी विभाग के इंटरनेशनल हेड राहुल कडाकिया ने एक बयान में कहा कि इस स्तर के असाधारण और शाही रत्न जीवन में एक बार ही बाजार में आते हैं। अपनी शाही विरासत, असाधारण रंग और असाधारण आकार के साथ ‘द गोलकोंडा ब्लू’ वास्तव में दुनिया के सबसे दुर्लभ नीले हीरों में से एक है। इसका मतलब है कि ऐसा हीरा मिलना बहुत मुश्किल है।
इस हीरे का नाम गोलकोंडा की खदानों के नाम पर रखा गया है। ये खदानें तेलंगाना में हैं। पुराने समय में यहां दुनिया के सबसे कीमती हीरे मिलते थे। क्रिस्टीज के अनुसार, यह हीरा कभी इंदौर के महाराजा यशवंत राव होलकर द्वितीय का था। वे 1920 और 30 के दशक के एक आधुनिक विचारों वाले राजा थे। साल 1923 में महाराजा के पिता ने इस हीरे को एक ब्रेसलेट में लगवाया था। यह ब्रेसलेट फ्रेंच जौहरी शोमे ने बनाया था। महाराजा ने ‘इंदौर पियर्स’ नाम के दो और गोलकोंडा हीरे भी खरीदे थे। साल 1930 के दशक में महाराजा ने मोबुसिन को अपना शाही जौहरी बनाया। मोबुसिन ने कई गहनों को फिर से डिजाइन किया।
साल 1947 में भारत की आजादी के बाद इस ब्लू डायमंड को मशहूर अमेरिकी जौहरी हैरी विंस्टन को बेच दिया गया। उन्होंने इसे एक ब्रोच में लगाया। इस ब्रोच में एक सफेद हीरा भी था। बाद में यह ब्रोच बड़ौदा के महाराजा के पास पहुंचा।