सोना इस साल हर तीसरे दिन नई ऊंचाई छुआ, 12 फीसदी का मिलेगा मुनाफा
मुंबई- देशों के बीच तनाव और टैरिफ के चलते सोने ने इस साल के महज 90 दिनों में 12 फीसदी मुनाफा दिया है। एक जनवरी को 10 ग्राम सोने का भाव 79,390 रुपये था जो अब 92,150 रुपये हो गया है। इस बहुमूल्य धातु ने हर तीसरे कारोबारी सत्र में नई ऊंचाई छूआ है।
आंकड़ों के मुताबिक, लगातार बारह महीने के आधार पर सोना लगभग 37 फीसदी बढ़कर सोमवार को 3,106 डॉलर प्रति औंस के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया। सोने ने 2025 में जो चौंकाने वाली उपलब्धि हासिल की है, वह यह कि महंगे होने के बावजूद इसकी चमक फीकी नहीं पड़ी है। इसमें आगे भी अच्छा खासा रिटर्न देने की गुंजाइश बनी है।
सोने ने पिछले कैलेंडर वर्ष में 30 फीसदी का मुनाफा दिया था। इस साल यह उससे भी अधिक फायदा देने की स्थिति में फिलहाल दिख रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि केंद्रीय बैंक और निवेश में सुरक्षा चाहने वाले लगातार इस पीली धातु को खरीद रहे हैं। पिछले 30 महीने में ही इसकी कीमत दोगुनी हो गई है। विश्लेषकों के मुताबिक, सोने के मूल्य में भारी उछाल आने की उम्मीद है।
सोने की कीमतें बढ़ने की वजह कई हैं। एक तो देशों के बीच तनाव और दूसरे खुदरा के साथ संस्थागत स्तर पर सोने की खरीदी जमकर हो रही है। सोने को महंगाई से बचाव के रूप में प्रमुख साधन माना जाता है।
निर्मल बंग की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच बाजारों में अस्थिरता का एक नया दौर शुरू हो गया है, जिसकी घोषणा 2 अप्रैल को होने वाली है। निवेशकों द्वारा सुरक्षा की तलाश ने सोने की पिछले साल की मजबूत बढ़त को आगे बढ़ाया है।
पिछले 15 वर्षों में सामूहिक रूप से शुद्ध खरीदार रहने वाले केंद्रीय बैंकों ने तीन वर्षों में 3,175 टन से अधिक सोने की खरीदी की है। 2024 में 30 फीसदी महंगे होने के बावजूद आरबीआई ने 73 टन सोना खरीदा था। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सबसे बड़े सोने के खरीदार चालू वित्त वर्ष में भी खरीदी को जारी रखेंगे। विश्व स्वर्ण परिषद का कहना है कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंक 2025 में 2024 की तुलना में ज्यादा सोना खरीद सकते हैं। इससे कीमतों में तेजी बनी रहेगी।
बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल रिसर्च के अनुसार, अगर गैर-वाणिज्यिक खरीद में 10 प्रतिशत की वृद्धि होती है, तो अगले 18 महीनों में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना है। साथ ही, दुनियाभर के केंद्रीय बैंक अपने पोर्टफोलियो को और बढ़ाने के लिए सोने की होल्डिंग को मौजूदा औसतन 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत से अधिक कर सकते हैं।