गेहूं हो सकता है महंगा, सेब और मेवे की भी कीमतों में आएगी जबरदस्त तेजी
मुंबई- अगले महीने होली है। इसके पहले महंगाई की आग लग गई है। खाने के तेल के दाम पिछले 15 दिनों में लगभग 5% बढ़ गए हैं। गेहूं की कीमतों में भी इजाफा होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने रबी फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी की है। इससे आम आदमी को गेहूं 5 रुपये प्रति किलो महंगा मिल सकता है। रुपये की कमजोरी का भी महंगाई पर असर पड़ेगा।
कीवी, एवोकाडो, नाशपाती, अच्छे किस्म के सेब, मेवे और सूखे मेवों जैसी विदेशी चीजों की कीमतें भी बढ़ने वाली हैं। कारण है कि इनका आयात महंगा हो गया है। भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाले खाने के तेल का 60% तक आयात होता है। रुपये के गिरते मूल्य और फरवरी में तेल उत्पादक देशों में कीमतें बढ़ने से सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम तेल के खुदरा दाम 5-6 रुपये प्रति किलो बढ़ गए हैं।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई बढ़ने की दो मुख्य वजहें। एक है कमजोर होता रुपया। दूसरा केंद्र सरकार का रबी सीजन 2025-26 के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने का ऐलान करना। सरसों का एमएसपी 5950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह पिछले साल के मुकाबले 300 रुपये ज्यादा है।
चना का MSP 200 रुपये बढ़ाकर 5650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। गेहूं का MSP भी बढ़ाया गया है। इससे बाजार में गेहूं के दाम 500 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर आम उपभोक्ता पर पड़ेगा। इससे गेहूं लगभग 5 रुपये प्रति किलो महंगा मिल सकता है।
सरकार ने रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से की है। MSP वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदने की गारंटी देती है। यह मूल्य फसल की लागत, बाजार के हालात और अन्य फैक्टर्स को ध्यान में रखकर तय किया जाता है।
रुपये की गिरावट भी महंगाई बढ़ने की वजह बन रही है। रुपये के गिरते मूल्य का असर मार्च तक आयातित सेब और कीवी की कीमतों पर पड़ने की उम्मीद है। खाने के तेल में पाम तेल की कीमत 4.28% बढ़कर 146 रुपये प्रति किलो हो गई है। सोयाबीन तेल के दाम 5.4% बढ़कर 135 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। सूरजमुखी तेल की कीमतों में 3.2% का इजाफा हुआ है। ये बढ़कर 158 रुपये प्रति किलो हो गई हैं।
देश में उत्पादित होने वाले अन्य तेलों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। सरसों के तेल की कीमत 163 रुपये से बढ़कर 166 रुपये प्रति किलो, मूंगफली के तेल की कीमत 183 रुपये से बढ़कर 185 रुपये प्रति किलो और बिनौले के तेल की कीमत 125 रुपये से बढ़कर 131 रुपये प्रति किलो हो गई है। जानकारों का कहना है कि अगर रुपया और गिरता है तो कीमतें इसी तरह बढ़ सकती हैं क्योंकि देश की 60% मांग आयातित तेलों से पूरी होती है।