एक महीने में 5 लाख घटी लाडकी बहीण योजना के लाभार्थियों की संख्या

नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार की माझी लाडकी बहीण योजना के लाभार्थियों की संख्या एक महीने में 5 लाख घट गई है। दिसंबर 2024 में 2.46 करोड़ महिलाएं लाभार्थी थीं जो इस साल जनवरी में घटकर 2.41 करोड़ रह गई हैं। इनको मासिक 1,500 रुपये दिया जाता है। सूत्रों ने बताया, लाभार्थी योजना से वे महिलाएं बाहर की गई हैं, जो इसकी तय पात्रता को पूरा नहीं कर पा रही थीं।

सूत्रों के मुतबिक, 65 साल से अधिक उम्र की करीब 1.5 लाख और संजय गांधी निराधार योजना में शामिल दो लाख महिलाओं को इस योजना से बाहर किया गया है। इस तरह की जानकारी मिलने पर सरकार लाभार्थियों की जांच कर रही है और दोहरे लाभ लेने वालों की संख्या कम करने की कोशिश कर रही है। संजय गांधी निराधार योजना विधवाओं, विकलांगों, रोगियों, निराश्रित और तलाकशुदा महिलाओं के लिए है। इसके तहत भी 1,500 रुपये प्रति माह की सहायता राशि मिलती है।

लाडकी बहीण योजना के लाभार्थी किसी अन्य सरकारी योजना के तहत नकद लाभ तभी ले सकते हैं जब संयुक्त लाभ 1,500 रुपये हो। इसलिए इन महिलाओं को योजना से हटा दिया गया है। नामो शेतकरी महासन्मान योजना के तहत लाभ पाने वाले लगभग 5-6 लाख लाभार्थी महिलाओं की भी सहायता राशि कम होने की संभावना है। नामो शेतकरी महासन्मान योजना के तहत 1,000 रुपये प्रति माह की सहायता राशि मिलती है। ऐसे में, दोनों योजनाओं का लाभ उठाने वालों को लाडकी बहीण योजना के तहत केवल 500 रुपये ही मिलेंगे।

लाभार्थियों की जांच पांच प्रमुख पैमाने पर हो रही है। इनमें 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष की पारिवारिक आय सीमा, राज्य में अधिवास, आधार और बैंक खाते में नाम का मिलान और सरकारी नौकरी शामिल हैं। इन मानदंडों पर खरे न उतरने वाले लाभार्थियों को योजना से बाहर किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि 22,000 महिलाएं तो केवल मुंबई से ही हैं जिनको बाहर किया गया है। लाडकी बहीण योजना समेत चुनाव पूर्व कल्याणकारी योजनाओं के कारण सरकार पर कर्ज का बोझ 7.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने के बाद खर्चों में कटौती करने का दबाव है।

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