लखनऊ, जोधपुर जैसे छोटे शहरों में आक्रामक भर्तियां कर रही हैं कंपनियां
मुंबई- देश की बड़ी कंपनियां लागत घटाने और प्रतिभाओं तक पहुंचने के लिए अब छोटे शहरों में कार्यालय खोल रही हैं। आक्रामक तरीके से भर्तियां भी कर रही हैं। इसका कारण एक तो इन शहरों में कम खर्च होता है। दूसरा, परिचालन लागत घटती है। तीसरा कम वेतन पर अच्छे कर्मचारी मिल जाते हैं।
जानकारी के मुताबिक, वेदांता डिजिटल परिवर्तन, इंजीनियरिंग और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रतिभाओं की तलाश कर रही है। आरपीजी समूह विनिर्माण, बिक्री के साथ रिन्यूएबल एनर्जी जैसे उभरते हुए क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है। वेदांता की एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस साल कारोबार पुनर्गठन के कारण कंपनी पूरे भारत में अच्छी संख्या में नियुक्तियां करने पर विचार कर रही है। इसमें प्रमुख रूप से दूसरे और तीसरे स्तर के शहर शामिल हैं।
वेदांता के अधिकारी के मुताबिक, भुवनेश्वर, रांची, झारसुगुड़ा, रायपुर, बाड़मेर और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों जैसे शहरों में लोगों की भर्तियां की है। ये नियुक्तियां हमारी साइटों पर संचालन और नवाचार का समर्थन करने में महत्वपूर्ण हैं। कंपनी के पास बहुआयामी नियुक्ति दृष्टिकोण है जिसमें स्थानीय कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी भी शामिल हैं।
डेलॉय इंडिया के पार्टनर वामसी करावाडी के अनुसार, दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में भर्तियों से कंपनियों का परिचालन खर्च 10-20 फीसदी तक घट जाता है। इसमें कार्यालयों के किराये, कम वेतन और नौकरी छोड़ने की कम दर प्रमुख हैं। आईबीएम इंडिया व साउथ एशिया के उपाध्यक्ष टी.नागराजन ने कहा, छोटे शहरों से प्रतिभाओं को लाकर महानगरों के कार्यालयों में रखने के बजाय हम अपने कार्यालयों को उनके पास ही लेकर जा रहे हैं।
टेक्नोलॉजी कंपनियां दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों से आक्रामक रूप से भर्ती कर रही हैं। मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, बुनियादी ढांचे और ग्राहक सहायता भूमिकाओं को लक्षित कर रही हैं। करावाडी ने कहा, मौजूदा अनुमान से पता चलता है कि 15-20 फीसदी तकनीकी कार्यबल पहले से ही कोयंबतूर, तिरुवनंतपुरम, भुवनेश्वर, जयपुर, नागपुर और इंदौर जैसे शहरों से आते हैं।
जिन शहरों में आईबीएम ने विस्तार किया है, उनमें प्रमुख रूप से गांधीनगर, भुवनेश्वर, कोच्चि, मैसूर और कोयंबतूर शामिल हैं। आईबीएम इंडिया तीन वर्षों से प्रतिभाओं को विकसित करने की आक्रामक रणनीति अपना रही है, जो इस साल भी जारी रहेगी। टेक प्रमुख कंपनी स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों से प्रतिभाओं का दोहन करने के साथ-साथ कुशल पेशेवरों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ा रहा है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हाइब्रिड मल्टी-क्लाउड प्लेटफॉर्म, ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजीज, उत्पाद डिजाइन, साइबर सुरक्षा और बिजनेस प्रोसेस सेवाओं में भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
टेक कंपनी जेनपेक्ट की ग्लोबल हायरिंग लीडर रितु भाटिया ने कहा, “हमारा मानना है कि जोधपुर, लखनऊ, वारंगल और मदुरै कुशल और सक्षम व्यक्तियों के समृद्ध समूहों के लिए एक प्रमुख स्थान है। ऐसे में कंपनियों का फोकस इन्हीं शहरों पर है।