एलएंडटी चेयरमैन के बयान के बाद अब कंपनी की एचआर हेड ने संभाला मोर्चा

मुंबई- लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम के काम के लंबे घंटों वाले बयान पर अब कंपनी की एचआर हेड सोनिका मुरलीधरन ने लिंक्‍डइन पर इसे लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि सुब्रह्मण्यम के शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। चेयरमैन ने 90 घंटे काम करने का आदेश नहीं दिया था। यह बातचीत अनौपचारिक थी।

एलएंडटी प्रमुख एसएन सुब्रह्मण्‍यम ने एक आंतरिक बैठक में कर्मचारियों के काम के घंटों पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें रविवार को कर्मचारियों को काम पर न ला पाने का अफसोस है। उन्होंने मजाक में पूछा कि लोग घर पर क्या करते हैं। अपने जीवनसाथी को कितनी देर तक देख सकते हैं? उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में शीर्ष पर रहने के लिए हफ्ते में 90 घंटे काम करना होगा।

इस विवाद पर ही L&T की एचआर हेड सोनिका मुरलीधरन ने कहा कि चेयरमैन के शब्दों को गलत तरीके से समझा गया है। उन्होंने कहा, एसएन सुब्रह्मण्‍यम ने कभी 90 घंटे काम करने का आदेश नहीं दिया। न ही ऐसा सुझाव दिया था। यह एक अनौपचारिक बातचीत थी। इसे निर्देश के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए था।’ सोनिका ने कहा चेयरमैन कर्मचारियों को परिवार की तरह मानते हैं। वह उनके कल्याण का ध्यान रखते हैं।

सोनिका ने एलएंडटी में अपने पांच साल के अनुभव के बारे में बताया। उन्होंने सुब्रह्मण्‍यम को विजनरी लीडर बताया। जो कर्मचारियों को परिवार का हिस्सा मानते हैं। वह संगठन में एकता और अपनेपन की भावना को बढ़ावा देते हैं। सोनिका ने कहा कि सुब्रह्मण्‍यम अपने काम और निजी जीवन में संतुलन बनाए रखते हैं। वह अपनी टीम के सदस्यों को महत्व देते हैं। उनका समर्थन करते हैं। वह इनोवेशन, कौशल विकास और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करते हैं।

सोनिका ने बताया कि सुब्रह्मण्‍यम अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर कर्मचारियों से बात करते हैं। उनकी समस्याएं सुनते हैं। सुनिश्चित करते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए। उन्होंने कहा कि उनका नेतृत्व सिर्फ पेशेवर सफलता के बारे में नहीं है। बल्कि जिंदगी के मूल्यवान सबक सिखाने के बारे में भी है।

एलएंडटी के एक प्रवक्ता ने भी इस विवाद पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि चेयरमैन की टिप्पणी कंपनी के विकास के व्यापक नजरिये को दर्शाती है। यह बयान भारत के विकास के अवसरों को रेखांकित करने के लिए था। यह दशक भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। विकसित राष्ट्र बनने के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक समर्पण और प्रयास की जरूरत है।

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