रुपया गया गर्त में, पहली बार यह 86 के पार हो गया, आयातकों को झटका
मुंबई-अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 18 पैसे टूटकर पहली बार 86 प्रति डॉलर के पार पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मजबूत रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारी पूंजी निकासी से स्थानीय मुद्रा लगातार दबाव में है।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक धारणा के कारण भी भारतीय मुद्रा पर दबाव पड़ा। उन्होंने कहा कि साथ ही 20 जनवरी के बाद डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में नए अमेरिकी सरकार के प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों की आशंका के बीच मांग बढ़ने से डॉलर मजबूत हुआ है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.88 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 85.85 के उच्चतम स्तर पर पहुंचा हालांकि अंत में डॉलर के मुकाबले अब तक के निचले स्तर पर 86 के पार बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 18 पैसे की गिरावट है। रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.86 पर बंद हुआ था।
घरेलू बाजारों में गिरावट और विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने के कारण रुपया एक और रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। मजबूत अमेरिकी डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने भी रुपये पर दबाव डाला। घरेलू बाजारों में कमजोरी, मजबूत डॉलर और लगातार विदेशी पूंजी की निकासी से रुपये पर दबाव जारी रह सकता है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल से घरेलू मुद्रा पर और दबाव पड़ सकता है।’’
हालांकि, आरबीआई के किसी भी हस्तक्षेप से रुपये को निचले स्तरों पर सहारा मिल सकता है। निवेशकों की नजर गैर-कृषि क्षेत्र में नौकरी की रिपोर्ट होगी। डॉलर-रुपया की हाजिर कीमत के 85.80 से 86.15 रुपये के बीच रहने की संभावना है।’’ इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 109.01 पर रहा।