अदाणी ग्रुप फिर फंसा, शेयरों की खरीद फरोख्त पर नए आरोप से स्टॉक टूटे 

मुंबई- अडाणी ग्रुप पर एक और विदेशी रिपोर्ट सामने आने के बाद कंपनी के 10 शेयर में से 9 में गिरावट देखने को मिली। ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) में दावा किया गया है कि अडाणी ग्रुप के निवेशकों ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयरों को खरीदकर बाजार में लाखों डॉलर का निवेश किया। 

हालांकि, ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। कहा है कि यह बदमान करने और मुनाफा कमाने की साजिश है। OCCRP ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों ने मॉरीशस के गुमनाम निवेश फंड्स के जरिए ग्रुप के शेयरों में करोड़ों रुपए का निवेश किया। 

यह निवेश मॉरीशस में ऐसे इनवेस्टमेंट फंड के जरिए किया गया, जिसके बारे में कोई खास जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है। हालांकि अदाणी ग्रुप के प्रवक्ता ने इन सभी आरोपों से इनकार किया। 

इस बारे में अदाणी समूह के प्रवक्ता ने इन आरोपों को आधारहीन और अप्रमाणित बताया है। अदाणी ग्रुप ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इसकी सभी लिस्टेड कंपनियां नियमों का पालन कर रही हैं और इसमें पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़ा नियम भी शामिल है। 

बयान में कहा गया, ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन तथा एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी। एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के तहत थे। 

ओसीसीआरपी की रिपोर्ट के मुताबिक नसीर अली शबन अहली और चेंग चुंग-लिंग के साथ अदाणी परिवार के कारोबारी संबंध हैं। ये दोनों अदाणी ग्रुप की कंपनियों में डायरेक्टर और शेयरहोल्डर के रूप में भी काम कर चुके हैं। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि ऑफशोर एग्रीमेंट के जरिए अदाणी ग्रुप के शेयरों की खरीदारी और बिक्री से काफी मुनाफा हासिल हुआ जिससे उनकी भागीदारी अस्पष्ट हो गई। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि ‘पार्टनर्स’ के निवेश वाली मैनेजमेंट कंपनी ने विनोद अडानी की एक कंपनी को उनके निवेश में सलाह देने के लिए पेमेंट भी किया। 

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