घाटे को पूरा करने के लिए तेल कंपनियों को 35,000 करोड़ सब्सिडी देगी सरकार

मुंबई-चालू वित्त वर्ष में घाटे की भरपाई करने के लिए सरकार तीन प्रमुख तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम को दो वित्त वर्षों में 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे सकती है। इन तीनों ने कच्ची सामग्री की कीमतें बढ़ने के बावजूद मार्च, 2024 से घरेलू एलपीजी के 14.2 किलो सिलिंडर का भाव 803 रुपये पर स्थिर रखा है। इससे प्रति सिलिंडर 240 रुपये का घाटा हुआ है।

एलपीजी की कीमतें स्थिर रखने से अप्रैल-सितंबर में तीनों कंपनियों की कमाई में भारी गिरावट आई। चालू वित्त वर्ष में उद्योग के लिए एलपीजी बिक्री पर कुल लगभग 40,500 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान है। इसके एवज में सरकार दो वित्त वर्षों में कुल मिलाकर 35,000 करोड़ रुपये देने की योजना बना रही है। इसमें से 10,000 करोड़ चालू वित्त वर्ष में और 25,000 करोड़ अगले वित्त वर्ष में दिया जा सकता है।

घरेलू एलपीजी की कीमतें घरेलू परिवारों को उच्च बाजार दरों से बचाने के लिए सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। विनियमित कीमतें सऊदी सीपी से कम हैं। सऊदी सीपी घरेलू एलपीजी की कीमत के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क है। ऐसा इसलिए, क्योंकि घरेलू एलपीजी उत्पादन स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और ईंधन का आयात करना पड़ता है।

सरकार समय-समय पर तीनों कंपनियों को मदद करती है। 2021-22 और 2022-23 में 22,000 करोड़ रुपये की मदद की थी। उस दौरान तीनों का घाटा 28,249 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के घाटे में 19,550 करोड़ रुपये का नुकसान इंडियन ऑयल का, 10,570 हिंदुस्तान पेट्रोलियम और 10,400 करोड़ का घाटा भारत पेट्रोलियम को होने का अनुमान है।

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