एनपीए बढ़ने से वित्त वर्ष 2026 में बैंकों के मुनाफे पर पड़ेगा भारी असर

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2025-26 में बुरे फंसे कर्ज यानी एनपीए बढ़ने की आशंका से बैंकों के मुनाफे में गिरावट आ सकती है। इंडिया रेटिंग ने रिपोर्ट में कहा, भारतीय बैंकों की लाभप्रदता वित्त वर्ष 2025 में बदलाव के कगार पर है और इसके बाद इसमें कमी की संभावना है। बैंकों ने 2023-24 में अब तक का रिकॉर्ड फायदा कमाया है।

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में क्रेडिट की उच्च लागत दशक के निचले स्तर पर थी जो आगे बढ़ सकती है। इससे भी मुनाफे पर असर होगा। एनपीॉए का एक बड़ा हिस्सा असुरक्षित खुदरा जोखिम से उत्पन्न होगा। हालांकि, इसका ठीक ठाक प्रबंधन किया जा सकता है और इसका कोई प्रणालीगत प्रभाव नहीं होगा। 50,000 रुपये से कम का खुदरा असुरक्षित लोन बैंकिंग कर्ज का लगभग 0.4 प्रतिशत है। केवल 3.6 प्रतिशत ऋण ऐसे हैं जिनकी ब्याज दर 11 प्रतिशत से अधिक है।

एजेंसी ने कहा, क्रेडिट ग्रोथ की रफ्तार कम हो गई है। अब हमारा अनुमान 2025 में 13-13.5 प्रतिशत का है, जो पहले 15 प्रतिशत था। इससे अगले वित्त वर्ष में मुख्य ब्याज आय भी प्रभावित होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *